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एसएफआई राज्य कमेटी ने बसों के बढ़ते किराये के खिलाफ चक्का जाम किया

शिमला (विकास शर्मा, ब्यूरो चीफ),

आज एसएफआई राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सम्मरहिल चौक में कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में बसों के बढ़ते किराये के खिलाफ प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और चक्का जाम किया। हिमाचल प्रदेश में बढ़ते किराये के खिलाफ एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया।
इस धरने में बात रखते हुए एसएफआई राज्य कमेटी सदस्य अंकुश राणा ने कहा की प्रदेश सरकार ने जो किराया बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है वह जनता विरोधी और छात्र विरोधी फैसला लिया गया है। जिससे छात्रों के ऊपर भी आर्थिक बोझ लगातार बढ़ रहा है

इस प्रदर्शन में आगे बात रखते हुए राज्य सह-सचिव उपेन्द्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 28 मार्च को विधानसभा का सत्र खत्म हुआ उसके बाद कांग्रेस सरकार की केबिनेट की मीटिंग हुई जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा बसों का मिनिमम किराया 10 रुपए करने का निर्णय लिया गया था। एसएफआई उस समय इसका विरोध कर रही थी परन्तु अब प्रदेश सरकार एक बार फिर से प्रदेश में 15 % किराया बढ़ोतरी कर के प्रदेश की जनता पर और आर्थिक बोझ डालने का काम किया है जिससे आम जनता और छात्र परेशान है। उन्होंने आगे बात रखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आम जनता के हित के लिए नीतियां बनानी चाहिए थी वहां उल्टा इस तरह के फरमान लाकर आर्थिक बोझ डालने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नवउदारवाद की नीतियों के चलते प्रदेश में वित्तय संकट के हालात पैदा हो चुके है जिसके चलते प्रदेश की आम जनता और छात्रों पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। उसके बाबजूद इस तरह के फरमान लाकर प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने का काम किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने बजट सत्र में घोषणा की थी कि 1000 सरकारी बस रूटो को प्राइवेट बस ऑपरेटर को दिया जाएगा। सरकारी रूटो को प्राइवेट बस ऑपरेटरों को देना HRTC का पूरी तरह से निजीकरण करने की साजिश है जिसका एसएफआई विरोध करती है एसएफआई का मानना है कि यह निर्णय सिर्फ विधायकों और मंत्रियों के बड़े हुए वेतन और भत्तो को पूरा करने के लिए लिया गया है। प्रदेश सरकार इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस करें।

हिमाचल प्रदेश में बहुत बड़ा तबका छात्र समुदाय का भी रहता है जो शिक्षा को ग्रहण करने के लिए बसों के माध्यम से स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालय को जाता है इस निर्णय से सबसे ज्यादा असर उन छात्रों पर पड़ेगा जो हर रोज़ दूर दराज क्षेत्रो से सफर करता है। एसएफआई लगातार यह माँग कर रही है कि छात्रों को हर शिक्षण संस्थानों में फ्री बसों की सुविधा दी जाए। इसके साथ जो प्रदेश सरकार ने बसों के किराये को बढ़ाने का निर्णय लिया है इस निर्णय को वापिस लिया जाए। एसएफआई ने चेतावनी देते हुए का कि अगर प्रदेश सरकार इस निर्णय को जल्दी वापिस ले नहीं तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।

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