चंबा (एम एम डैनियल/ब्यूरो चीफ)
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने वैसे तो पुरानी पेंशन की मंजूरी सैद्धांतिक रूप से अपने पहली ही कैबिनेट में दे दी थी, परंतु फिर भी उसे कैसे लागू किया जाएगा इस सारी कार्य प्रणाली पर अभी तक संशय बना हुआ था परंतु सरकार द्वारा जारी एसओपी अधिसूचना के तहत सारी स्थिति स्पष्ट हो गई है। यह उद् गार एनपीएस कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष सुनील जरियाल ने जारी एक बयान में कहें। एनपीएस कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष जरियाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने सैद्धांतिक रूप से एवं विभागीय तौर पर वही पुरानी पेंशन लागू की है जो पुरानी पेंशन 2003 से पहले नियुक्त कर्मचारियों को मिलती थी अर्थात 1972 के पेंशन नियमों को यथावत लागू किया गया है। वहीं इस अधिसूचना पर हर्ष व्यक्त करते हुए नई पेंशन योजना कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश सरकार के समस्त मंत्रिमंडल, विधायकों और प्रत्याशियों का धन्यवाद किया है। जरियाल ने बताया कि 60 दिनों में कर्मचारियों को ऑप्शन देनी होगी कि वो एनपीएस में रहना चाहते हैं या ओपीएस में एसओपी जारी हो गयी है। जिससे अब जल्द ही राज्य और जिला स्तर , खंड स्तर पर बैठकें बुलाई जायेंगी और अगली रणनीति बनाई जायेगी। जरियाल ने बताया कि उनको अपनी टीम पर पूरा विश्वास था, ईश्वर का साथ भी मिलता रहा। सभी के आशीर्वाद से जिस जंग को आज हमने मिलकर जीता है उसे एक समय में असंभव कहा जाता था। उन्होंने कहा कि आज उन सभी को करारा जवाब मिला है जो कहते थे ये संभव नहीं है, इस मसले में या राज्य सरकार कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि वो लोग कर्मचारियों को गुमराह करते थे आज सब कुछ कर्मचारियों के सामने है जीत हमेशा सच्चाई की होती है बस दृढ़ता से आगे बढ़ते रहना चाहिए। इस जीत का सेहरा कर्मचारियों को जाता है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी इतिहास में इस से बड़ा आंदोलन शायद ही पहले हुआ हो उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने का मौका मिला ये अपने आप में एक खूबसूरत पहलू है। इस जंग मे सहयोगी रहे मीडिया के साथियों, भिन्न-भिन्न कर्मचारी संगठनों के साथियों, कॉंग्रेस पार्टी के नेतृत्व, सभी एनपीएस कर्मचारियों का जिला एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने धन्यवाद किया है |
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