निशेष शर्मा संवाददाता राजगढ़।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नई जॉब ट्रेनी स्कीम को लेकर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की विधायक रीना कश्यप ने इस योजना को प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ एक बड़ा अन्याय करार दिया है।
रीना कश्यप ने सरकार पर युवाओं को स्थायी रोजगार से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुबंध नीति को खत्म कर लागू की गई यह नई स्कीम केवल शोषण है। उन्होंने कहा कि दो साल तक कम वेतन पर नौकरी करवाने के बाद भी युवाओं को स्थायी नियुक्ति के लिए एक और परीक्षा देनी होगी, जो पूरी तरह से अनुचित है।
रीना कश्यप ने सवाल उठाया, “जब कोई अभ्यर्थी पहले ही प्रतियोगी परीक्षा पास कर चुका है, तो उसे दोबारा टेस्ट क्यों देना चाहिए?” उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति युवाओं की मेहनत और प्रतिभा को नज़रअंदाज़ कर रही है, जिससे न केवल आर्थिक असुरक्षा पैदा होगी, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ेगा।
विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ढाई वर्षों के कार्यकाल में जनविरोधी फैसलों के अलावा कुछ नहीं किया है और अब युवाओं को रोजगार की बजाय अस्थायी व्यवस्था की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की तुलना करते हुए कहा कि जहां केंद्र पारदर्शिता और स्थायित्व पर बल दे रहा है, वहीं हिमाचल सरकार युवाओं को “ट्रेनिंग” के नाम पर ठगने की नीति अपना रही है।
रीना कश्यप ने मांग की कि प्रदेश सरकार इस नीति पर पुनर्विचार करे और युवाओं को पहले की तरह अनुबंध या नियमित पदों पर नियुक्त किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा सत्र में वह इस मुद्दे को ज़ोरशोर से उठाएंगी और सरकार से युवाओं के हित में जवाब मांगेंगी।