राजगढ़ (निशेष शर्मा/संवाददाता),
कहते हैं कि मंजिलें केवल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है | इसी वाक्य को सही साबित किया है अपने पैतृक गांव बाहनार, दराबलि पंचायत की होनहार, काबिल लड़की सचिना शर्मा ने। आप को बता दें कि सचिना शर्मा का चयन इकोनॉमिक्स के सहायक प्रोफेसर के रूप में हुआ है। सचिना की इस कामयाबी से इनके ससुराल तथा मायके दोनों जगह खुशी की लहर है। सचिना के पिता देवदत्त शर्मा तथा माता लता शर्मा एक मेहनती किसान दंपति है। बताते चले कि सचिना के दो भाई बहन और भी है जिनमे से बड़ा भाई शास्त्री तथा बड़ी बहन कला अध्यापक के पद पर कार्यरत है। पिता देवदत्त ने खेतों में मेहनत कर अपने बच्चों को खूब पढ़ाया है और आज इनके ये होनहार बच्चे इनका तथा इलाके का नाम रोशन कर रहे है। आप को यह भी बता दें कि सचिना के चाचा मोहन दत्त शर्मा प्रशासनिक सेवा में कार्यरत है। सचिना ने सबसे पहले बतौर लेक्चरर इकोनोमिक्स रा० व० मा० पा० हरिपुरधार में जॉइन किया था तथा वर्तमान में वह नाहन शिक्षा खंड में इसी पद पर कार्यरत थी। उनकी इस उपलब्धि पर समस्त क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
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