राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ़),
हिमाचल प्रदेश सरकार में जिला सिरमौर से शिलाई के विधायक हर्ष वर्धन चौहान को मंत्री पद मिलना लगभग तय है। इसके अतिरिक्त जिला से प्रदेश कांग्रेस के कुछ कर्मठ कार्यकर्ताओं को प्रदेश के निगम व बोर्ड में भी महत्वपूर्ण स्थान मिल सकते हैं। जिला सिरमौर के 5 विधानसभा क्षेत्रों में से नाहन, शिलाई व श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं। जिसमें नाहन विधानसभा क्षेत्र से पहली बार जीते अजय सोलंकी, शिलाई विधानसभा क्षेत्र से छठी बार विधायक चुने गए हर्षवर्धन चौहान और श्रीरेणुकाजी से तीसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे विनय कुमार हैं। जबकि पांवटा साहिब और पच्छाद में कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। पिछली कांग्रेस सरकार 2012 से 2017 में जिला सिरमौर के 5 विधानसभा क्षेत्र से 6 लोग निगम और बोर्डों में अध्यक्षता व उपाध्यक्ष रहे थे। जबकि 2018 से 2022 तक भाजपा सरकार में दो ही लोग निगम व बोर्ड में अध्यक्ष उपाध्यक्ष थे। वर्तमान में नाहन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता रूपेंद्र ठाकुर निगम बोर्ड के अध्यक्ष की दौड़ में सबसे ऊपर बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही पच्छाद विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रही दयाल प्यारी निगम बोर्ड के अध्यक्ष उपाध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। नाहन विस के मिश्रवाला में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रचार प्रसार कमेटी के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नाहन से अजय सोलंकी को जिताने पर कोई ना कोई देने का वादा किया था, अब देखना हैं कि अजय सोलंकी को सुखविंदर सिंह सुक्खू को कौन सा पद सचिवालय में देते हैं। 2018 से 2022 तक भाजपा सरकार में शिलाई विधानसभा क्षेत्र से बलदेव सिंह तोमर राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष, जबकि पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से बलदेव सिंह भंडारी राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष थे। वही 2012 से 2017 की कांग्रेस सरकार में नाहन विधानसभा क्षेत्र से कंवर अजय बहादुर हिमफेड के अध्यक्ष और नाहन से ही सत्य परमार राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष रही। पच्छाद से जीआर मुसाफिर राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे, तो श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र से विनय कुमार मुख्य संसदीय सचिव रहे। शिलाई से हर्षवर्धन चौहान राज्य संसाधन एवं रोजगार सृजन बोर्ड के अध्यक्ष रहे। पांवटा साहिब से तपेंद्र सैनी अल्पसंख्यक वित्त निगम के राज्य उपाध्यक्ष रहे। अब कांग्रेस सरकार में कार्यकर्ताओं ने निगम बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष बनने के लिए अपनी अपनी गोटियां बिठाने शुरू कर दी है। ताकि मंत्रिमंडल के गठन के बाद में उन्हें भी सरकार में स्थान मिल सके।