शिमला (ब्यूरो रिपोर्ट),
हिमाचल प्रदेश सरकार का आयुष विभाग 23 सितंबर 2025 को पूरे राज्य में बड़े उत्साह के साथ आयुर्वेद दिवस मनाएगा। आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न जिलों में आउटरीच स्वास्थ्य शिविर, जागरूकता व्याख्यान और जन संवेदीकरण कार्यक्रमों सहित कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। समारोह का मुख्य आकर्षण शिमला में आयोजित होने वाला एक दिवसीय सम्मेलन-“आयुर मंथनः हिमाचल में आयुष-सतत विकास के लिए एक रोडमैप” होगा। कॉन्क्लेव की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के माननीय आयुष मंत्री करेंगे और यह वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों और सामुदायिक हितधारकों को एक साथ लाएगा।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य आयुष क्षेत्र के लिए एक रणनीतिक रोडमैप पर विचार-विमर्श करना है, जिसमें तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया हैः
• आयुष दवा उद्योग के लिए गैर-लकड़ी वन उत्पाद (एनटीएफपी) का दोहन।
• सरकारी आयुष फार्मेसियों को मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय ब्रांडों में मजबूत करना।
• राज्य की प्राकृतिक सुंदरता के साथ पारंपरिक उपचारों को एकीकृत करके हिमाचल प्रदेश में आयुष स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देना।
आयुष विभाग ने इस बात पर जोर दिया है कि यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आयुष को राज्य में रोजगार सृजन, सतत संसाधन उपयोग और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के चालक के रूप में स्थापित करना है। सभी हितधारकों और जनता को आयुर्वेद दिवस की गतिविधियों में भाग लेने और हिमाचल प्रदेश को आयुष के क्षेत्र में एक आदर्श राज्य बनाने में योगदान करने के लिए आवाहन किया जाता है।
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