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प्रधानाचार्य पदोन्नति पर पुनर्विचार करे सरकार – प्रवक्ता संघ सिरमौर

सिरमौर (ब्यूरो रिपोर्ट),

हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने एक प्रमुख अखबार में छपे समाचार के माध्यम से की गई उस मांग का कड़ा विरोध किया है जिसमें प्रधानाचार्य पद हेतु मुख्याध्यापको को 80% कोटा देने की मांग की है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, जिला महासचिव डॉ आई डी राही, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, पूर्व अध्यक्ष रमेश नेगी पूर्व महासचिव संजय शर्मा, निवर्तमान राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी कार्यकारणी सदस्य संध्या चौहान, रमा शर्मा, देवराज कनयाल, राजेश शर्मा आदि ने एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह आश्चर्य का विषय है कि मात्र 960 की संख्या वाला मुख्य अध्यापक वर्ग 19000 प्रवक्ताओं के विरुद्ध 80% की पदोन्नति की मांग कर रहा है, जबकि वास्तविकता में उनका पदोन्नति कोटा केवल पांच प्रतिशत बनता है । जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र पुंडीर ने आरोप लगाया कि मुख्याध्यापक पद पर हो रही पदोन्नति मे पहले ही 62.5 % स्नातक शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है, जिनमे 37,5% बेचबाईज, 15% सी एंड वी से पदोन्नत प्रशिक्षित स्नातक तथा 10% जेबीटी से पदोन्नति हुए स्नातक शिक्षक है | जिन्हे सीधी भर्ती के स्नातक शिक्षको के कनिष्ठ माना जाता है तथा उन्हे कभी मुख्याध्यापक पद पर पदोन्नत होने का अवसर नही मिलता, जबकि सीधी भर्ती वाले मात्र 37.5% प्रशिक्षित शिक्षक मुख्याध्यापक के 100% पद पर पदोन्नत होने का लाभ ले रहे है।

प्रवक्ता संघ ने इस तथ्य को भी तर्कहीन तथा अव्यवहारिक कहा है जिसमे स्नातक शिक्षकों को सीधा प्रधानाचार्य पद हेतु पदोन्नति की संख्या मे जोड़कर दिखाया जा रहा है यदि ऐसा है तो एक ग्रामीण राजस्व अधिकारी अर्थात एक पटवारी को कानूनगो बने बिना नायब तहसीलदार व एक उप निरीक्षक को डीऐसपी बने बिना सीधा आईपीएस, एक तहसीलदार बिना एचऐऐस बने सीधा आईऐऐस पदोन्नत होना चाहिए अर्थात सभी विभागों में बिना स्थापित की गई | विभागीय वरिष्ठता के ही निम्न वर्ग की संख्या पर उच्च पदो पर पदोन्नती हेतु गणना होगी। संघ पदाधिकारियो ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य पद हेतु प्रवक्ताओ से हो रहे पक्षपात का सीधा प्रमाण है कि जहा मुख्याध्यापक से दो वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले 50 पात्र शिक्षक भी उपलब्ध नही है | वही प्रवक्ता वर्ग से विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले एवं कई वर्षो का कार्यकारी प्रधानाचार्य एवं आहरण तथा वितरण अधिकारी का अनुभव रखने वाले हजारो पात्र प्रवक्ता दशको से पदोन्नत होने की प्रतिक्षा मे है।

वर्तमान में जहां मुख्य अध्यापकों की संख्या मात्र 960 है वही प्रवक्ताओं के कुल 19000 पद सृजित है इस प्रकार प्रधानाचार्य हेतु कुल 19960 पात्र पद है | यदि संख्या के अनुसार इन पदों को देखा जाए तो मुख्य अध्यापकों का कोटा 5% बनता है | नियमों के तहत इस बात का भी प्रवक्ता संघ ने कड़ा विरोध किया है कि मुख्याध्यापक वर्ग को 2 वर्ष के सेवाकाल की पात्रता शर्त में छूट दी जाए यदि ऐसा किया जाता है तो प्रोबेशन काल में हिमाचल सरकार को सभी विभागों के लाखो कर्मचारियों को छूट देनी होगी। प्रवक्ता संघ ने मांग की है कि वर्तमान में यदि मुख्य अध्यापक कोटे से प्रधानाचार्य पद हेतु पात्र उम्मीदवार उपलब्ध नहीं है तो सभी पदों को राइडर की जगह रोस्टर के आधार पर प्रवक्ताओं से ही भरा जाना चाहिए। बहुत लम्बे समय से प्रवक्ताओं के साथ पदोन्नति का कोटा न बढ़ा कर अन्याय हो रहा है।

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