कांगड़ा (सोनाली/संवाददाता),
जिला कांगड़ा का बीड़-बिलिंग घाटी ऐसा क्षेत्र है जिसकी तकदीर और तस्वीर पैराग्लाइडिंग से बदली है। बीड़-बिलिंग के युवाओं ने पैराग्लाइडिंग को ही रोजगार के रूप में अपनाकर उदाहरण प्रस्तुत किया है। बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिये विश्व में दूसरी और एश्यिा में पहली बेहतरीन स्थली, दुनिया भर के पैराग्लाइडिंग के शौकिनों का पसंदीदा स्थान है। दुनिया भर से लोग यहां पैराग्लाइडिंग करने के लिये यहां आते हैं। यहां के युवा पैराग्लाइडिंग केवल रोजगार के लिए नहीं करवाते बल्कि ज्योति ठाकुर, अरविंद, प्रकाश, मंजीत, कमल, सुरेश जैसे दर्जनों होनहार पैराग्लाइडर्स ने चीन, नेपाल, बुलगारिया, जापान इत्यादि देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। प्रदेश सरकार ने बीड-बिलिंग घाटी में साहासिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए पैराग्लाइडिंग आरंभ करवाई। यहां पैराग्लाइडिंग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन से दुनियां भर से पैराग्लाइडिंग के शौकिन और पर्यटक यहां आने लगे। सरकार ने पैराग्लाइडिंग और साहासिक खेलों के लिए करोड़ों रुपये व्यय कर मूलभूत सुविधाओं का सृजन किया है। पैराग्लाग्डिंग में किसी प्रकार से कोई असुविधा नहीं हो, बीड़ में लगभग 68 कनाल भूमि का अधिग्रहण लैंडिंग के लिए किया है। इस क्षेत्र को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के अंतर्गत लाकर इस क्षेत्र में बिना अनुमति निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध है। मुख्य संसदीय सचिव एवं बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल ने बिलिंग तक रोप-वे निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। विशेषज्ञों की राय के उपरांत अगर संभव हुआ तथा पैराग्लाडिंग के लिए कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई तो रोप-वे लगवाने का भी प्रयास किया जायेगा ताकि साहसिक खेलों के अतिरिक्त पर्यटन को और बढ़ावा मिले।