चंबा (एम एम डैनियल/ब्यूरो चीफ),
विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च का लेखा-जोखा मतगणना के दिन तक जुड़ेगा। जिसके चलते चुनाव आयोग द्वारा सूचना जारी कर दी है। ऐसे में अब विधानसभा चुनाव की मतगणना पश्चात जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों खुशी जाहिर रैली के रूप करते हैं तो इसका खर्च भी उनके चुनाव में निर्धारित खर्च में जुड़ जाएगा। इस अधिसूचना के जारी होते ही दिग्गज दलों के उम्मीदवारों सहित पार्टियों ने अभी से रणनीति तैयार करना आरंभ कर दी है। ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं को किसी न किसी तरह कम खर्च में रोका जा सके। लेकिन जीत की खुशी इस कदर कार्यकर्ताओं में हावी होती है कि वह अपने स्तर पर भी खुशी संबंधी कई निर्णय लेकर अपना इजहार जाहिर करते हैं जोकि पार्टी उम्मीदवार को महंगा पड़ सकता है।
गौर हो कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद खुशी में धूम धड़ाका करना इस बारे नेताओं को महंगा पड़ेगा। विजय रैली में बजने वाले बैंड-बाजे तक का खर्चा उम्मीदवार की जेब से निकलेगा। वहीं हलवा, लड्डू और बांटी तो उसका खर्च भी नेताओं के खाते में जाएगा। इसके अतिरिक्त विजय उम्मीदवार के गले में डलने वाली फूल की मालाएं तक भी प्रति माला के हिसाब से खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जुड़ेंगे। इस संदर्भ प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईएएस) मुनीष गर्ग ने बताया कि 8 दिसंबर को मतगणना होगी और उम्मीदवार विजय रैली निकालते हैं तो यह खर्च भी उनके खाते में जुड़ेगा। कहा कि सहायक व्यय प्रेक्षक और अन्य टीमें मतगणना से एक दिन पूर्व ड्यूटी पर तैनात रहेंगी तथा जीतने वाले सभी उम्मीदवारों की विजय रैली के खर्च पर निगरानी रखेंगे। वहीं निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के साथ चर्चा के बाद अलग-अलग वस्तुओं के दाम पहले से ही निर्धारित कर रखे हैं। इसके हिसाब से व्यय का आंकलन किया जाएगा। जबकि झंडे, बैनर और गाड़ी का खर्च भी उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। राज्य के सभी 68 विस क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों को शांतिपूर्ण ढंग से मतगणना के लिए तैयारियां करने के निर्देश दिए। प्रति ढोली एक हजार रुपये खर्चा जुड़ेगा नेताओं के विजय जुलूस में बैंड और ढोली बुलाए जाते हैं तो प्रति ढोली 1000 रुपये खर्चा जोड़ा जाएगा। चुनाव परिणाम विजयी रैली जितनी शानदार होगी उतना ही खर्चा उम्मीदवार की खर्च से जोड़ा जाएगा।