शिमला : जल्द शुरू हो सकती है आईजीएमसी की न्यू ओपीडी, एनजीटी ने निगम को सौंपा जीमा

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शिमला (विकास शर्मा/ब्यूरो चीफ),

राजधानी शिमला के आइजीएमसी अस्पताल में न्यू ओपीडी व ट्रामा सेंटर की मंजूरी निगम अपने स्तर पर ही दे सकेगा। इसका नक्शा एनजीटी के फैसले से पहले ही निगम में जमा करवाया गया था। इसलिए एनजीटी के आदेश इस पर लागू नहीं होंगे। बुधवार को राज्य सचिवालय में प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग देवेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्देश निगम को दिए गए। इससे इस भवन में जल्द लोगों का इलाज हो सकेगा। आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है जहां से प्रदेश भर के लोग इलाज करवाने के लिए यहां पर पहुंचते हैं। वही पुरानी ओपीडी में बस इतना ज्यादा हो जाता है कि पांव रखने तक की जगह नहीं होती है। अगर यह नई बिल्डिंग जल्द शुरू होती है तो लोगों को काफी निजात इससे मिलेगी। क्योंकि इसके भवन में मरीजों और उनके साथ आए लोगों के लिए अच्छी फैसिलिटी दी गई है। लोग काफी लंबे समय से इंतजार इस न्यू ओपीडी का कर रहे है। शिमला शहर के कोर एरिया और नान कोर एरिया में भवन निर्माण करने के लिए नक्शों को सुपरवाइजिंग कमेटी ने मंजूरी प्रदान कर दी है। बैठक में नगर निगम की ओर से नान कोर एरिया के छह और कोर एरिया में चार मकान के नक्शों को समिति के समक्ष रखा गया। इसमें से सभी नक्शों को पास कर दिया गया है। इसके तहत शहर के प्रदेश विश्वविद्यालय में बहुमंजिला पार्किंग व परिसर का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा आइजीएमसी में पार्किंग बनाने के लिए भी मंजूरी दे दी है। बैठक में मशोबरा में बालि आश्रम में जो माडल चिल्ड्रन ह बनना है, उसके लिए मामला समि के समक्ष रखा गया था। बैठक शहरी विकास विभाग के अधिकारियों से लेकर नगर निगम के वास्तुव भी मौजूद रहे। इस नक्शे को भी समिति ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। शिमला के सकुर्लर रोड़ पर निगम के कर्मचारियों के आवास भी बनेंगे। स्वास्थ्य निदेशालय व सूचना आयुक्त का शहर में नया भवन बनेगा।

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