सरकारी कॉलेज संजौली में नैनोमैटेरियल कार्यशाला का सफल समापन

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शिमला (विकास शर्मा,ब्यूरो चीफ),

भौतिकी विभाग, सरकारी कॉलेज संजौली द्वारा आयोजित सात दिवसीय नैनोफैराइट्स के संश्लेषण एवं विश्लेषण पर कार्यशाला का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह कार्यशाला 12 नवम्बर 2025 से आरम्भ हुई थी और नव स्थापित नैनोमैटेरियल अनुसंधान प्रयोगशाला में विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला संयोजक डॉ. किर्ति सिंघा के निर्देशन में संपन्न हुई।सात दिनों तक चली इस कार्यशाला में 13 छात्र प्रतिभागियों ने ज़िंक-फैराइट नैनोमटेरियल की एक श्रृंखला का सफलतापूर्वक संश्लेषण किया। तैयार नमूनों का विश्लेषण शूलिनी विश्वविद्यालय, सोलन में किया गया।समापन समारोह की शुरुआत भौतिकी स्नातक छात्र समाज की उपाध्यक्ष तम्मना द्वारा सभी प्रतिभागियों एवं शिक्षकों के स्वागत से हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या प्रो. भारती भागरा ने की, जिन्होंने विभाग की शैक्षणिक एवं शोध संबंधी उपलब्धियों की सराहना की। औपचारिक स्वागत भाषण डॉ. किर्ति सिंघा द्वारा प्रस्तुत किया गया।कार्यशाला की विस्तृत रिपोर्ट वंशिका शर्मा (बी.एससी. तृतीय वर्ष) ने पढ़ी, जबकि सात दिनों के प्रयोगात्मक कार्य का प्रस्तुतीकरण अभिषेख (बी.एससी. तृतीय वर्ष) ने किया। दिन की संसाधन विशेषज्ञ डॉ. पूजा धीमान, एसोसिएट प्रोफेसर एवं इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी फॉर हिमालयन सोसाइटी (शूलिनी विश्वविद्यालय) की समन्वयक रहीं, जिन्होंने नैनोफैराइट्स के विश्लेषण पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया।प्रतिक्रिया सत्र में कृतिका, निखिल (बी.एससी. प्रथम वर्ष) तथा अभिषेख (बी.एससी. तृतीय वर्ष) ने अपने अनुभव साझा किए। प्राचार्या ने अपने संबोधन में कार्यशाला के सफल आयोजन पर विभाग को बधाई दी और इसे विद्यार्थियों में शोध संस्कृति विकसित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास बताया।

समारोह के अंत में अंजलि (बी.एससी. तृतीय वर्ष) ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। पूरे कार्यक्रम का प्रभावी संचालन तम्मना ने किया। समापन सत्र में उप प्राचार्य डॉ. दीपक कपराटे, डीन साइंसेस डॉ. मीनाक्षी शर्मा, संकाय सदस्य डॉ. दीप्ति गुप्ता, डॉ. श्वेता शर्मा, प्रो. शालू दुल्टा, प्रो. रीता चंदेल, प्रो. नरेंद्र ठाकुर, डॉ. शिखा चंदेल तथा प्रो. सरला उपस्थित रहे।यह कार्यशाला भौतिकी विभाग एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सरकारी कॉलेज संजौली —दोनों के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि रही, जिसने संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता एवं अनुसंधान-उन्मुख शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ किया।

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