हिमाचल प्रदेश में मानसून का तांडव, 4861 करोड़ का नुकसान – 451 की मौत, हजारों परिवार बेघर

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ब्यूरो रिपोर्ट शिमला।

शिमला। इस साल हिमाचल प्रदेश में मानसून ने जमकर तबाही मचाई है। 20 जून को प्रदेश में दस्तक देने वाले मानसून ने 22 सितंबर तक 4861.16 करोड़ रुपये का भारी नुकसान पहुंचाया है। अब मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि 25 सितंबर तक मानसून प्रदेश से विदा ले लेगा, मगर जाते-जाते भी यह कहर बरपा गया है।

बरसात से 451 लोगों की मौत, 497 घायल और 47 लोग लापता हो चुके हैं। हजारों घर बरसात की भेंट चढ़ गए और कई परिवार अब तंबुओं में रहने को मजबूर हैं। कई जगह पूरे के पूरे गांव धंस गए हैं, जिससे लोगों के पास नए घर बनाने के लिए जमीन तक नहीं बची है।

सबसे ज्यादा नुकसान चंबा जिले में

प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही चंबा जिले में हुई है। यहां अब तक 2387.64 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। कांगड़ा को 2027.41 करोड़, शिमला को 1962.08 करोड़, मंडी को 1478.68 करोड़, ऊना को 1195.57 करोड़ और कुल्लू को 1049.07 करोड़ की क्षति हुई है। इसके अलावा हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले भी प्रभावित हुए हैं।

विभागों को भारी क्षति

लोक निर्माण विभाग (PWD) को सबसे ज्यादा नुकसान – 3000.15 करोड़।

जलशक्ति विभाग (IPH) को 1463.89 करोड़ की क्षति, 77 जलापूर्ति योजनाएं बंद।

बिजली बोर्ड को 139.46 करोड़ का नुकसान, 45 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त।

कृषि विभाग को 51.64 करोड़ और बागवानी विभाग को 27.43 करोड़ का नुकसान।

सड़कें और बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित

प्रदेश में अभी भी 338 सड़कें बंद हैं, जिनमें 2 नेशनल हाईवे भी शामिल हैं।

मंडी में सबसे ज्यादा 109 सड़कें बंद,

कुल्लू में 106 सड़कें और NH-03 अवरुद्ध,

कांगड़ा में 40 सड़कें, शिमला में 22 सड़कें,

अन्य जिलों में भी हालात खराब हैं।

हजारों घर ढहे

कुल 9107 घर क्षतिग्रस्त,

इनमें से 1711 पूरी तरह से नष्ट (665 पक्के, 1046 कच्चे),

7396 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त।

495 दुकानें/फैक्ट्रियां और 7265 गौशालाएं भी तबाह।

प्रदेशभर में तबाही का आलम देखकर लोग सरकार से राहत और पुनर्वास की गुहार लगा रहे हैं।

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