ब्यूरो रिपोर्ट हमीरपुर।
जिला मुख्यालय के पक्का भरो इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को डिलीवरी के बाद गर्भवती महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान लता देवी (निवासी गांव चमनेड़) के रूप में हुई है। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस व प्रशासन की टीम को मौके पर पहुंचकर हालात नियंत्रित करने पड़े।परिजनों के अनुसार, लता देवी करीब 9 माह की गर्भवती थीं और शुक्रवार सुबह उन्हें पेट में हल्की तकलीफ महसूस हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया। पति ने बताया कि बीते चार महीनों से वह इसी निजी अस्पताल में लता का नियमित इलाज करवा रहे थे और कभी कोई शिकायत नहीं आई थी।अस्पताल में चेकअप के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि गर्भस्थ शिशु की धड़कन धीमी हो रही है, और ऑपरेशन की सलाह दी। ऑपरेशन की तैयारी के बीच परिजनों को कुछ दवाइयां व सामग्री लाने के लिए अस्पताल से बाहर भेजा गया।परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद उन्हें लता की स्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। दोपहर करीब 12 बजे नवजात को बाहर लाया गया, लेकिन यह नहीं बताया गया कि बच्चा लड़का है या लड़की। कुछ समय बाद डॉक्टरों ने केवल यह बताया कि लता की हालत गंभीर है और थोड़ी देर बाद उनकी मौत की सूचना दे दी गई।घटना के बाद परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा किया और इलाज में लापरवाही व जान गंवाने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन पर डाली।स्थिति को देखते हुए एएसपी राजेश शर्मा, एसडीएम संजीत सिंह और थाना प्रभारी यादेश पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को शांत कराते हुए निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।लता देवी के पति ने कहा कि उन्होंने अस्पताल पर पूरा भरोसा जताया था, लेकिन उन्हें इस तरह की दर्दनाक घटना का सामना करना पड़ा। उन्होंने मांग की है कि यदि डॉक्टरों की लापरवाही से यह मौत हुई है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।पुलिस ने मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। परिजनों की शिकायत के आधार पर कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।