भगवान बनकर आया बेजुबान, पालतू डॉगी ‘रॉकी’ ने 67 लोगों की बचाई जान

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ब्यूरो रिपोर्ट मंडी

कहते हैं भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकते, इसलिए उसने कुछ फरिश्ते भेज दिए। ऐसा ही एक जीवंत उदाहरण मंडी ज़िले के स्याठी गांव में देखने को मिला, जहां एक पालतू बेजुबान डॉगी ‘रॉकी’ ने 67 लोगों की जान बचाकर मिसाल कायम कर दी।30 जून की आधी रात को जब गांव गहरी नींद में डूबा था, तभी लगभग 12:30 बजे मूसलधार बारिश के बीच भूस्खलन की शुरुआत हुई। इसी दौरान ‘रॉकी’ ने असामान्य तरीके से जोर-जोर से भौंकना शुरू किया। रॉकी की आवाज सुनकर उसके मालिक नरेंद्र की नींद खुली। जैसे ही उन्होंने बाहर आकर देखा, तो घर के पास ज़मीन में गहरी दरारें पड़ चुकी थीं और पानी तेजी से घर के भीतर घुसने लगा था।नरेंद्र ने एक पल की भी देर किए बिना पूरे परिवार को जगाया और आसपास के 22 घरों में जाकर लोगों को सतर्क किया। गांववासी समय रहते अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए।यदि रॉकी समय पर चेतावनी न देता और नरेंद्र तत्परता न दिखाते, तो पूरा गांव एक भीषण त्रासदी का शिकार हो सकता था। रॉकी की इस सतर्कता और वफादारी ने उसे पूरे गांव का हीरो बना दिया है।आज स्याठी गांव के लोग ‘रॉकी’ को सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं, बल्कि भगवान का रूप मानकर उसकी पूजा कर रहे हैं। गांव में अब यह चर्चा आम हो चली है कि “अगर रॉकी न होता, तो आज हम न होते।”

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