राजगढ़ ( पवन तोमर, ब्यूरो चीफ),
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत बाल विकास परियोजना राजगढ़ के अंतर्गत खंड स्त्रोत समन्वयक (बी०आर०सी०), राजगढ़ के प्रशिक्षण कक्ष में अध्यापकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला व जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ अनिल भारद्वाज, खंड स्त्रोत समन्वयक (बी०आर०सी०), राजगढ़ के द्वारा किया गया। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी, राजगढ़ पवन कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम” का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक विचारधारा में परिवर्तन करना है। इस हेतु भारत सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम के द्वारा बेटियों की शिक्षा पर बढ़ावा दिया जा रहा है। शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाया जा रहा है। पिछले दो-तीन दशकों से भारत में बाल लिंगानुपात में कमी आई है, जिस से यह प्रतीत होता है कि समाज में कहीं न कहीं बेटियों को जन्म से पहले ही भ्रूण हत्या की जा रही है।
श्री संदीप शर्मा, पूर्व खंड स्त्रोत समन्वयक ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत शिक्षा विभाग कि भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज के समय में बेटा बेटी में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। समानता के इस चरण की शुरुआत बेटी की शिक्षा से की जानी चाहिए, जहां बेटा और बेटी के लिए शिक्षा के समान अवसर दिए जाने चाहिए। उन्होंने समस्त उपस्थित शिक्षकों से भी इस बारे जागरूक, सजग रहने का आह्वान किया ।
कानूनन किसी भी प्रकार से भ्रूण हत्या को रोका जा सके, इस हेतु पी०सी० पी०एन०डी०टी० ऐक्ट लाया गया। इस बारे सभी प्रकार के कानूनी प्रावधानों पर श्रीमती सीमा निर्मोही, ऐडवोकेट ने विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जन्म से पूर्व लिंग जांच करना कानूनन अपराध है और बेटा बेटी में किसी भी प्रकार से भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने महिलाओं के सरंक्षण हेतु बनाए गए घरेलू हिंसा अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, दहेज के विरुद्ध कानून इत्यादि पर भी जागरुक किया। शिविर के समापन पर पवन कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही विभागीय योजनाओ की जानकारी दी। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना राजगढ़ से आई० सी०डी०एस० पर्यवेक्षक बिमलेश शर्मा व यशपाल भी उपस्थित रहे।