शिमला (विकास शर्मा /ब्यूरो चीफ ),
शिमला के रिज मैदान पर द माल बिजनेसमेन एसोसिएशन व स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से अंगदान के प्रति जागरूकता शिविर व रक्तदान शिविर लगाया गया । कार्यक्रम में शिमला जिला के अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। उन्होंने अंग दान का शपथ पत्र भरकर लोगों को प्रोत्साहित किया। सोटो टीम ने लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया और पेंफ्लेट बांटकर अंगदान करने के लिए शपथ पत्र भरने का आग्रह किया। इस दौरान सोटो टीम ने बताया कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। टीम ने बताया कि ब्रेन डेड की स्थिति में व्यक्ति अंगदान करके आठ लोगों का जीवन बचा सकता है। अंगदान किसी भी जाति, वर्ग, आयु व लिंग का व्यक्ति कर सकता है। इसके लिए परिवार जनों की सहमति होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि www.sotto himachal.com और www.notto.abdm.gov.in के माध्यम से व्यक्ति घर बैठे अंगदान की शपथ ले सकता है। यह प्रक्रिया आधार लिंक होती है। रजिस्ट्रेशन करने के बाद व्यक्ति को शपथ पत्र सर्टिफिकेट भी प्राप्त होता है। कई लोगों ने अंगदान की महत्वता को समझते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया।
उन्होंने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाएं ताकि जरूरतमंद को नई जिंदगी मिल सके । देश भर में प्रतिदिन 6000 मरीज समय पर ऑर्गन ना मिलने के कारण मरते हैं जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। समाज में अंगदान को लेकर अलग-अलग भ्रांतियां फैली हुई है। भ्रांतियों को समय रहते दूर किया जाना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इससे प्रभावित मरीजों का सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है । हर साल करीब दो लाख लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। बदलती जीवन शैली के चलते ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय की बीमारी, ब्रेन स्ट्रोक व फेफड़े की बीमारियां बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से किडनी हॉर्ट और लीवर बड़ी संख्या में फेल हो रहे हैं। किसी व्यक्ति की ब्रेन डेथ की पुष्टि होने के बाद, डॉक्टर उसके घरवालों की इच्छा से शरीर से अंग निकाल पाते हैं। इससे पहले सभी कानूनी प्रकियाएं पूरी की जाती हैं। इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय के भीतर पूरा करना होता है। ज्यादा समय होने पर अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। देश में प्रतिदिन प्रत्येक 17 मिनट में एक मरीज ट्रांसप्लांट का इंतजार करते हुए जिंदगी से हाथ धो बैठता है।
एक व्यक्ति जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष को स्वैच्छिक रूप से अपने करीबी रिश्तेदारों को देश के कानून व नियमों के दायरे में रहकर अंगदान कर सकता है । अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का अवसर देता है। अंगदान के संबंधित सही जानकारी व भ्रम होने की वजह से अधिकतर लोग अंगदान करने से पीछे हट जाते हैं। इसीलिए अगर लोगों में पहले से अंगदान को लेकर पर्याप्त जानकारी होगी तभी ऐसे मौके जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। कार्यक्रम में सोटो की आईईसी मीडिया कंसलटेंट रामेश्वरी, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार और प्रोग्राम असिस्टेंट भारती कश्यप ,इसमें द माल बिजनेसमेन एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी वरिंदर सिंह, एग्जिक्युटिव मेंबर, रमेश गंगोत्रा, राजीव सूद, आशीष मल्होत्रा, कवि खन्ना, सरदार हरबिर सिंह, जॉइंट सेक्रेटरी मन्नू अग्रवाल और सदस्य हरविंदर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।