मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत गांव कुगती के मौन पालक की सफलता गाथा

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चम्बा (ओपी शर्मा, संवाददाता),

मुख्यमंत्री मधु विकास योजना को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं के लिए मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक तरीके से एक व्यवसाय के रूप में अपनाने तथा लोगों को प्रोत्साहित करने व आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना है जिसके तहत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में उद्यान विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का आरंभ किया गया।

इस योजना के तहत युवाओं को विभाग द्वारा मौन पालन करने हेतु पांच व सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। इसके उपरांत मौन पालन करने हेतु 80 प्रतिशत तक अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाती है जिससे लगभग भरमौर के 25 से 30 मौन पलकों ने मधुमक्खी पालन को पूर्णता अपने व्यवसाय के रूप में अपना लिया है।

गांव कुगती के युवक अक्षय शर्मा ने प्रशिक्षण के उपरांत 50 मौन वंशों से अपना व्यवसाय आरम्भ किया । उद्यान विभाग द्वारा अक्षय शर्मा को 2018-19 में मौन पालन हेतु 1 लाख 76 हजार की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई गई। समय के साथ अक्षय शर्मा ने कड़ी मेहनत करके मौन वंशों में बढ़ोतरी की तथा उद्यान विभाग द्वारा अक्षय शर्मा को वैज्ञानिक ढंग से मौन पालन हेतु मधुमक्खी प्रजनन का प्रशिक्षण डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से वर्ष 2019-20 में करवाया गया । उसके उपरांत उद्यान विभाग द्वारा अक्षय शर्मा को मधुमक्खी प्रजनन हेतु वर्ष 2022-23 में 3 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई।

आज अक्षय शर्मा के पास 300 से अधिक मौन वंश है जिनसे वह उच्च गुणवत्ता वाला मधु उत्पादन करके 10 लाख रुपए से अधिक आय प्रति वर्ष प्राप्त कर रहा है और भरमौर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन कर उभरा है।

डॉ मनोहर लाल विषय विशेषज्ञ (उद्यान) विकास खंड भरमौर कहते हैं कि मधुमक्खी पालन युवाओं के लिए आय का एक अच्छा विकल्प है। जैसे कि हमारे पूर्वज अपने घरों की दीवारों में छते बनाकर मधुमक्खी पालन करते थे, जिससे न केवल शहद प्राप्त होता है बल्कि मधुमक्खियों द्वारा फसलों में बेहतरीन परागरण क्रिया होने से फसलों का उत्पादन व गुणवत्ता भी बढ़ती है।

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