11 वर्षीय नेपाली बालक ने फंदा लगाकर कि जीवन लीला समाप्त

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शिमला (विकास शर्मा ,ब्यूरो चीफ),

दिनांक 06/11/2025 को इस पुलिस थाने में सूचना प्राप्त हुई कि 11 वर्षीय एक नेपाली बालक अजय पुत्र श्री रमेश, जो अस्थायी रूप से ग्राम भाटो, डाकघर बलग, तहसील ठियोग, जिला शिमला, हिमाचल प्रदेश में रह रहा था, को मृत अवस्था में जिला ठियोग लाया गया है और उसने अपने घर में फांसी लगा ली है। इस सूचना पर पुलिस द्वारा जिला ठियोग में शव की जाँच की गई और गर्दन पर लिगचर के निशान के अलावा कोई चोट का निशान नहीं पाया गया। शव को अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रख दिया गया है और चिकित्सा अधिकारियों द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया है। दिनांक 06/11/2025 को बालक अजय सुबह स्कूल गया था और उसके दादा-दादी अपने दैनिक कार्य के लिए गए थे। शाम को जब दोनों दादा-दादी अपने घर पहुँचे तो उन्होंने देखा कि शेड का दरवाजा खुला था और अजय अपने शेड की छत के स्लिपर से दुपट्टे के माध्यम से लटका हुआ था। उन्होंने दुपट्टे को काटकर अजय को अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने अजय को मृत घोषित कर दिया। दिनांक 07/11/2025 को मृतक का पोस्टमार्टम आईजीएमसी शिमला में किया गया और एएसआई शीतल प्रकाश ने मामले की जांच की और गहन पूछताछ के बाद पता चला कि लड़के को उसके माता-पिता ने 2-3 साल पहले छोड़ दिया था। माता और पिता दोनों तीन साल पहले अलग हो गए थे और अब दोनों ने किसी और से शादी कर ली है। लड़का अजय अपने बुजुर्ग दादा-दादी के पास छोड़ दिया गया था और राजकीय प्राथमिक विद्यालय बलग में 5वीं कक्षा में पढ़ता था। स्कूल के शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई और पाया गया कि नेपाली लड़का अकेलेपन और अवसाद से ग्रस्त था क्योंकि उसे उसके माता-पिता ने छोड़ दिया था और उसका किसी और से कोई झगड़ा नहीं था। पूछताछ के दौरान पाया गया कि मृतक लड़के के शरीर पर लिगेचर के अलावा कोई चोट का निशान नहीं था। दादा-दादी/अभिभावकों को अपने पोते की मौत पर कोई संदेह नहीं है। मृतक लड़के के माता-पिता को फोन के माध्यम से सूचित कर दिया गया है और उन्हें मौत के बारे में कोई संदेह नहीं है। पूरी पूछताछ के बाद धारा 194 बीएनएसएस के तहत कार्यवाही की जा रही है। आगे की जांच जारी है।

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