हिमाचल में आपदा का तांडव, करोड़ों का नुकसान – अब मौसम सुधरने की उम्मीद

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ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

शिमला। हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को भी बारिश की संभावना है, लेकिन शुक्रवार से मौसम के सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते तक भारी बारिश की कोई चेतावनी जारी नहीं की है। बुधवार को नाहन में बारिश हुई, जबकि अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली रही।
सड़कें, बिजली व पेयजल योजनाएं प्रभावित
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में 517 सड़कें अब भी बंद हैं। 441 बिजली ट्रांसफार्मर और 274 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी जिला आपदा से सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 187 सड़कें बंद पड़ी हैं। राहत की बात यह है कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर यातायात सुचारू है।

कांगड़ा में भारी तबाही
कांगड़ा में बुधवार दोपहर बाद हुई बारिश से 10 कच्चे मकान ढह गए। इसके अलावा 49 अन्य मकानों, 64 गोशालाओं और एक दुकान को नुकसान पहुंचा है। धर्मपुर में सोमवार को आई बाढ़ में लापता हुए दो लोगों की तलाश जारी है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस बाढ़ से करोड़ों का नुकसान हुआ है।

अन्य जिलों का हाल

चंबा (डलहौजी): पतरैणी मार्ग पर भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही ठप। मलबा नगर परिषद के विश्राम गृह में गिरा।

हमीरपुर: एक मकान ढह गया।
मंडी (बल्ह): तीन कमरों का मकान क्षतिग्रस्त।
ऊना (बंगाणा): बारिश से खेतों में कटी मक्की की फसल बर्बाद।
किसानों और यात्रियों को राहत
कुल्लू से सेब और सब्जियां बड़ी मात्रा में मंडियों तक पहुंच रही हैं, जिससे किसानों को कुछ राहत मिली है। गगल हवाई अड्डे पर दिल्ली और चंडीगढ़ से सभी उड़ानें समय पर पहुंचीं। हालांकि, एनएच-5 निगुलसरी में भूस्खलन के कारण लगभग 12 घंटे यातायात बाधित रहा।

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