नौहराधार (हेमंत चौहान ,संवाददाता),
सिरमौर ज़िला के नौहराधार के समीप स्थित प्राचीन विजट मंदिर (कदयोन) में गत 2 सितम्बर की मध्यरात्रि को घटी एक चमत्कारिक घटना पूरे क्षेत्र ही नहीं बल्कि हिमाचल भर में चर्चा का विषय बन गई है।मंदिर में रात्रि लगभग 2:00 बजे बिना किसी बाजगी (वादक) की उपस्थिति के नौबत बजने लगी, जिसे आसपास के कई ग्रामीणों ने स्वयं सुना। यह दृश्य किसी को भी आश्चर्यचकित करने के लिए पर्याप्त था। स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि इस मंदिर में पूर्व में भी ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं, लेकिन आधुनिक समय में अचानक नौबत बजना समाज के लिए अत्यंत रहस्यमयी माना जा रहा है।क्षेत्र के कई पुजारियों व प्रबुद्ध व्यक्तियों का कहना है कि हिमाचल वास्तव में देवभूमि है, जहां देवी-देवताओं के प्रति आस्था और चमत्कारिक घटनाओं की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।पंचायत समिति संगड़ाह के पूर्व अध्यक्ष मेला राम शर्मा ने बताया कि प्राचीन लोकगाथाओं और इतिहास में इस मंदिर के चमत्कारों का वर्णन मिलता है। उन्होंने कहा कि लोकगीत – “किले दे कदोयणो, बोलो पाणी रे दीवे रे नाराणा, पूजा कोरणी बिजटो री” – इसी मंदिर से जुड़ा है, जिसमें वर्णन है कि कभी यहां पानी के दिए स्वयं प्रज्वलित होते थे।उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज समाज में कुछ लोग देवी-देवताओं की पवित्रता को खंडित कर रहे हैं। घटती आस्था और मंदिरों में बढ़ते अपराधों के चलते देवशक्तियां भी क्षीण होती जा रही हैं। उनके अनुसार यही कारण है कि हिमाचल जैसे देवभूमि में प्राकृतिक आपदाएं, बादल फटना और भू-स्खलन जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।अंत में उन्होंने कहा कि यदि समाज ने समय रहते आस्था और पवित्रता की रक्षा के प्रयास नहीं किए, तो देवताओं के कोप और प्राकृतिक आपदाओं की विनाशलीला और भी गंभीर रूप ले सकती है।विजट मंदिर की यह घटना आज पूरे क्षेत्र में श्रद्धा, आस्था और चर्चा का केंद्र बनी हुई है।