निशेष शर्मा संवाददाता राजगढ़।
वन विभाग के 60 साल पुराने रेस्ट हाउस को आग के हवाले करने के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना 29 जून की रात को वन परिक्षेत्र हाब्बन के ठंडीधार में घटी थी, जहां रेस्ट हाउस को जानबूझकर जलाने की पुष्टि हुई है।पुलिस जांच में सामने आया है कि यह आग स्वतः नहीं लगी थी, बल्कि लगाई गई थी। इस रेस्ट हाउस में घटना के समय वन मित्र युवती अंबिका ठाकुर और उसका भाई मौजूद थे। सौभाग्य से दोनों समय रहते बाहर निकल आए और भयानक आग की चपेट में आने से बच गए।आरोपी की पहचान बेड जमौली (जदोल टपरोली) निवासी नरेश कुमार (29) के रूप में हुई है, जिसे पुलिस ने शुक्रवार शाम गिरफ्तार किया।घटना की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बारिश के बावजूद आग की लपटें तेज और भीषण थीं। इससे पहले ही यह आशंका जताई जा रही थी कि किसी ज्वलनशील पदार्थ जैसे पेट्रोल का उपयोग किया गया होगा। पुलिस की छानबीन ने इस आशंका को सही साबित कर दिया।डीएसपी राजगढ़ वीसी नेगी ने बताया कि आरोपी नरेश कुमार अवैध लकड़ी तस्करी में संलिप्त था। वन विभाग ने हाल ही में उसी जंगल से लगभग 35 नग देवदार की लकड़ी बरामद की थी, जिसे रेस्ट हाउस के पास रखा गया था। इसी लकड़ी को चोरी करने के इरादे से नरेश वहां पहुंचा था, लेकिन रेस्ट हाउस में वन मित्र युवती की मौजूदगी भांपकर, शराब के नशे में उसने रेस्ट हाउस में पेट्रोल डालकर आग लगा दी।रेस्ट हाउस में सो रही वन मित्र अंबिका की नींद समय पर खुल गई, जिससे वह और उसका भाई जान बचाकर बाहर निकलने में सफल रहे।पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी, और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। शनिवार को आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 9 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।