संस्कृत साधना में राजगढ़ की बेटी का कमाल: निष्ठा तोमर का JNU में चयन, संस्कृत में करेगी मास्टर्स

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निशेष शर्मा संवाददाता राजगढ़।

संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है, लेकिन आधुनिक समय में युवाओं की इस भाषा में घटती रुचि चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे समय में राजगढ़ की होनहार बेटी निष्ठा तोमर ने संस्कृत को न केवल अपनाया बल्कि इसे अपने भविष्य का आधार भी बनाया है। निष्ठा ने संस्कृत में पीएचडी करने का लक्ष्य तय किया है और इस दिशा में उनका पहला कदम बेहद शानदार रहा है।

हाल ही में निष्ठा ने शास्त्री (संस्कृत स्नातक) करने के बाद कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET-PG) की राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने देश के चार प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन किया था। परीक्षा परिणाम में निष्ठा का चयन चारों विश्वविद्यालयों में हुआ, लेकिन उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली को अपनी उच्च शिक्षा के लिए चुना है।

भूईरा गांव की है मूल निवासी

निष्ठा तोमर मूलतः राजगढ़ के साथ लगते गांव भूईरा की रहने वाली हैं। उनके पिता कपिल कुमार तोमर राजगढ़ में एक ड्राइविंग स्कूल चलाते हैं और माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। बेटी की इस उल्लेखनीय उपलब्धि से परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।

संस्कृत के प्रति समर्पण

निष्ठा की यह सफलता न केवल उनके परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आज के दौर में भी युवा अगर समर्पण और लगन से किसी परंपरागत विषय को अपनाएं, तो उसमें भी उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएं हैं। संस्कृत जैसे प्राचीन और समृद्ध भाषा को लेकर उनकी सोच और प्रयास निश्चित ही अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी

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