छात्राओं से छेड़खानी करने वाला शिक्षक नहीं है शिक्षक कहलाने योग्य: सुरेश कश्यप

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निशेष शर्मा संवाददाता राजगढ़।

राजकीय पीएम श्री आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, राजगढ़ में एक शिक्षक द्वारा छात्राओं से छेड़खानी का मामला सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। घटना ने न केवल शिक्षा जगत को शर्मसार किया है, बल्कि छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।मामले में विद्यालय की लगभग 24 छात्राओं ने संबंधित शिक्षक पर अशोभनीय व्यवहार और छेड़खानी के आरोप लगाए हैं। पीड़ित छात्राओं के बयान सामने आने के बाद विद्यालय परिसर में तनाव का माहौल पैदा हो गया। नाराज़ अभिभावकों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।इस शर्मनाक प्रकरण को लेकर शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि छात्राओं के साथ छेड़खानी जैसा अमानवीय कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस प्रकार के शिक्षकों को निलंबित करना ही नहीं, बल्कि उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए। इसके अलावा यदि कोई और लोग भी आरोपी शिक्षक को संरक्षण देने का प्रयास कर रहे थे तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए । क्योंकि यह केवल एक स्कूल की नहीं, बल्कि पूरे समाज और शिक्षा प्रणाली की गरिमा से जुड़ा मामला है।”उन्होंने कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना हम सबके लिए एक चेतावनी है। समाज में छात्राओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। दोषियों को कानून के दायरे में लाकर उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षक ऐसा कृत्य करने से पहले सौ बार सोचे।सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि घटना से मानसिक रूप से प्रभावित छात्राओं के लिए तत्काल मनोवैज्ञानिक परामर्श (काउंसलिंग) की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। साथ ही, उन्होंने शिक्षा विभाग से यह भी कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों में आंतरिक निगरानी तंत्र को और मजबूत किया जाए।

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