कांग्रेस सरकार का “व्यवस्था परिवर्तन”: बसें बंद, अस्पताल बेहाल, जनता परेशान!

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ददाहू (हेमंत चौहान, संवाददाता),

कांग्रेस सरकार के “व्यवस्था परिवर्तन” का असर अब जनता के लिए “व्यवस्था विनाश” साबित हो रहा है। जिला सिरमौर में हिमाचल रोडवेज की दो दर्जन से अधिक बसों के रूट बंद करने का फैसला लिया जा रहा है, जिससे करीब एक लाख लोग प्रभावित होंगे। सरकार का कहना है कि ये बसें घाटे में चल रही हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या जनता की सुविधाएं घाटे का सौदा हैं?

“रोजगार देंगे” के वादे, धरने की हकीकत

ददाहू मंडल अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने प्रेस वार्ता में कांग्रेस सरकार के खोखले वादों को उजागर किया। उन्होंने कहा, “सरकार ने प्रतिवर्ष 1 लाख और 5 साल में 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन आज युवा सड़कों पर धरना देने को मजबूर हैं।” महिलाओं को ₹1500, मुफ्त बिजली, दूध के दाम में राहत और गोबर खरीदने जैसे वादे भी अधूरे ही दिख रहे हैं।

ददाहू अस्पताल: डॉक्टरों की जगह भूत-पूजा?

स्वास्थ्य सेवाओं की हालत इतनी खराब है कि लगता है सरकार ने “आरोग्य” के बजाय “अनारोग्य” को प्राथमिकता दे रखी है। ददाहू के सिविल हॉस्पिटल में 8 डॉक्टरों के पद हैं, लेकिन सिर्फ 2 डॉक्टर मौजूद हैं। 12 स्टाफ नर्स की जगह महज 2-3 नर्सें ही मरीजों का बोझ संभाल रही हैं। अस्पताल में एक्स-रे मशीन बंद पड़ी है, अल्ट्रासाउंड की सुविधा नदारद है, और मोर्चरी (शवगृह) की हालत इतनी दयनीय है कि लगता है वहां पोस्टमार्टम नहीं, “पोस्ट-अपमान” किया जाता हो।

BDO कार्यालय बंद, ग्रामीणों की सुनेंगे कौन?

भाजपा सरकार के समय खोला गया BDO कार्यालय कांग्रेस के आते ही बंद कर दिया गया। यह कार्यालय 25 पंचायतों के ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण था, लेकिन अब उनकी समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं।

बस रूट बंद: ग्रामीणों के पैरों तले से निकली जमीन

जिन बस रूटों को बंद किया जा रहा है, उनमें ददाहू-संगड़ाह-कशलोग, नाहन-श्री रेणुका जी, ददाहू-पांवटा साहिब जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं। इन रूटों पर निर्भर ग्रामीणों को अब या तो महंगे निजी वाहनों का सहारा लेना होगा या पैदल चलकर अपनी मंजिल तक पहुंचना होगा। बीमारों के लिए अस्पताल जाना और बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना अब एक चुनौती बन जाएगी।

भाजपा का सवाल: क्या यही है कांग्रेस का “विकास”?

भाजपा नेताओं ने सरकार की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि “कांग्रेस सरकार जनता के हितों की बजाय अपनी राजनीतिक जिद को प्राथमिकता दे रही है।” उन्होंने स्थानीय विधायक विनय कुमार से सवाल किया कि “क्या आपके क्षेत्र के लोगों की समस्याएं आपकी प्राथमिकता नहीं हैं?” कांग्रेस सरकार के वादे अब मजाक बन चुके हैं। बसें बंद, अस्पताल बेकार, युवा निराश और ग्रामीण परेशान। अगर यही “व्यवस्था परिवर्तन” है, तो जनता अब “सरकार परिवर्तन” की मांग करने लगेगी!

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