ब्यूरो रिपोर्ट शिमला।
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार शाम आईजीएमसी शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार डॉक्टरों के पद भर रही है और नर्सों की भर्ती में कोविड काल में काम करने वाली नर्सों को प्राथमिकता दी जाएगी।इस संवाद के दौरान विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के विभागाध्यक्षों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं और भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि एक साल के भीतर 20 साल पुरानी सभी मेडिकल मशीनों और उपकरणों को बदला जाएगा। साथ ही, चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें भी लगाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी की, जिससे मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।राज्य सरकार अब मेडिकल टेक्नोलॉजी पर 1350 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और मेडिकल छात्रों के लिए हॉस्टल और स्टाफ तथा मरीजों के लिए पार्किंग की सुविधाएं भी बेहतर की जाएंगी।मुख्यमंत्री ने डॉक्टर-मरीज और नर्स-मरीज अनुपात को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुनिश्चित करने की बात भी कही। पैरा मेडिकल स्टाफ और टेक्नीशियन की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है।आईजीएमसी को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सरकार 200 करोड़ रुपये और खर्च करेगी। अब तक इसमें 100 करोड़ का निवेश पहले ही हो चुका है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के चलते राज्य पर आर्थिक दबाव जरूर है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की प्राथमिकता बनी रहेगी।इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने भी संवाद कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि सरकार प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक मशीनें और सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।