शिमला (विकास शर्मा, ब्यूरो चीफ),
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर के नेतृत्व में आज राजभवन के समक्ष एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी के कुलपति (वीसी) को दी गई अवैध अवधि विस्तार के खिलाफ था। यह विस्तार माननीय उच्च न्यायालय के उस आदेश की अवहेलना करता है, जिसमें कुलपति की नियुक्ति को अवैध घोषित किया गया था। इस मुद्दे ने पूरे प्रदेश में व्यापक आक्रोश पैदा किया है, जिसे युवा कांग्रेस ने अपनी आवाज बुलंद कर व्यक्त किया। इस अवसर पर युवा कांग्रेस ने राजभवन को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें इस अवैध विस्तार को तत्काल रद्द करने की मांग की गई।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए युवा कांग्रेस अध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ने इस अवैध विस्तार को संवैधानिक मूल्यों और कानूनी मर्यादाओं पर प्रहार बताया। उन्होंने कहा, “शैक्षणिक संस्थानों में ऐसी अवैध नियुक्तियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षा के भगवाकरण का यह प्रयास कतई सफल नहीं होगा। राज्यपाल, जो एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं, को अपने पद की गरिमा का सम्मान करना चाहिए और पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाना चाहिए।” इतना ही नहीं महामहिम राज्यपाल ने पहले मीडिया के माध्यम से कहा कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद वरिष्ठ Dean को चार्ज दिया जाएगा और कार्यकाल पूरा होते ही सेवा विस्तार अपने ही शब्दों से मुकर कर झूठ बोला | ठाकुर ने चेतावनी दी कि यदि कुलपति का अवैध विस्तार तत्काल रद्द नहीं किया गया, तो युवा कांग्रेस अपना आंदोलन और तेज करेगी और सड़कों पर उतरकर इस अन्याय के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव डॉ. रणजीत वर्मा ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कुलपति के अवधि विस्तार को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की। उन्होंने कुलपति पर भ्रष्टाचार और अत्याचार के गंभीर आरोपों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये मामले पहले ही न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं। डॉ. वर्मा ने जोर देकर कहा, “भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों से घिरे कुलपति को अवधि विस्तार देना न केवल न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है, बल्कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी गहरा आघात है। इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”
इस प्रदर्शन में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव आर्यन चौहान भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने संगठन के नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हिमाचल प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने के लिए युवा कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दोहराया। हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। संगठन राजभवन से आग्रह करता है कि वह माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करे और इस मामले में उठाए गए गंभीर सवालों का त्वरित समाधान करे।