शिमला (विकास शर्मा, ब्यूरो चीफ),
आज मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षता में प्रदेश सचिवालय में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ वन अग्नि रोकथाम एवं नियंत्रण की तैयारी पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में निशांत मंढोतरा अरण्यपाल हमीरपुर एवं नोडल ऑफिसर वन अग्नि नियंत्रण बिलासपुर ने अपनी प्रस्तुति में वन विभाग द्वारा की गई तैयारीयां व रोकथाम के बारे में सभी विभागाध्यक्षों को अवगत करवाया इस वर्ष अभी तक 143 वन अग्नि की घटनाएं हुई है जिसमें वन विभाग का लगभग 78 लाख के आसपास नुकसान का आकलन किया गया है। इस वर्ष वन विभाग द्वारा 4975है़ं0 क्षेत्र में कंट्रोल बर्निंग की गई है तथा 824 किलोमीटर फायर लाइंस को साफ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 146 मॉक ड्रिल्स की गई है तथा 69961 वॉलिंटियर तैयार किए गए हैं वन विभाग द्वारा अभी तक 477 वन अग्नि रोकथाम की प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से वन विभाग के कर्मचारीयों व स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया गया। तथा 33 फायर वाच टावर लगाए गए हैं। आगामी वन अग्नि मौसम को देखते हुए वन अग्नि रोकथाम के लिए सभी विभागों से सहयोग करने की अपील की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि सभी क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के आसपास वन अग्नि को रोकने के लिए सफाई करवाई जाए और मनरेगा के तहत चीड़ की पत्तियों को इकट्ठा करना एक मान्य गतिविधि निर्धारित की जाए और इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाए । उन्होंने यह भी कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में संबंधित अरण्यपाल को सदस्य बनाया जाए। उन्होंने विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्षों को वन अग्नि में सक्रिय भूमिका निभाने के भी दिशा निर्देश दिए । उन्होंने वन अग्नि सीजन के दौरान सभी को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए। बैठक में प्रधान मुख्य सचिव वन के.के.पंथ , प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन बल प्रमुख समीर रस्तोगी , अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल पुष्पेंद्र राना सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष शामिल हुए।