नौहराधार (हेमंत चौहान, संवाददाता),
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की नौहराधार तहसील के छोटे से गांव चाड़ना से ताल्लुक रखने वाले युवा लेखक तुषार ने अपनी पहली पुस्तक “The Blueprint of Thought” के माध्यम से युवाओं को आत्मचिंतन और स्पष्ट सोच की दिशा में एक नई प्रेरणा दी है। यह पुस्तक 11 अप्रैल को Amazon Kindle पर ई-बुक फॉर्मेट में प्रकाशित हुई है और भारत में ₹299 तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर $3.99 में उपलब्ध है।
सिविल इंजीनियरिंग के छात्र तुषार ने इस पुस्तक में आज के युवाओं की मानसिक उलझनों, आत्म-संदेह और जीवन में स्पष्ट दिशा की तलाश को संबोधित करते हुए एक मार्गदर्शक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उनकी लेखनी यह दर्शाती है कि सोच की शक्ति से जीवन की दिशा को बदला जा सकता है।
तुषार का बचपन चाड़ना गांव में बीता, जहां सीमित संसाधनों के बावजूद उनके विचारों की उड़ान ने उन्हें लेखन की ओर प्रेरित किया। उन्होंने अपनी बारहवीं तक की शिक्षा गुरुकुल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चाड़ना से मार्च 2024 में पूरी की। स्कूल की प्रधानाचार्या अनुराधा चौहान के अनुसार तुषार एक मेधावी, अनुशासित और आत्ममंथन में रुचि रखने वाले छात्र रहे हैं।
पुस्तक में तुषार ने सरल भाषा और प्रभावशाली उदाहरणों के माध्यम से यह बताया है कि हमारी सोच ही हमारे आत्मविश्वास, व्यवहार और निर्णयों को आकार देती है। वे मानते हैं कि आज के युवाओं को न केवल करियर में मार्गदर्शन की आवश्यकता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और आत्मनिर्भर सोच की भी उतनी ही जरूरत है।
तुषार की यह रचना इस बात का प्रमाण है कि चाड़ना जैसे छोटे गांवों से भी बड़ी सोच निकल सकती है और डिजिटल मंचों पर अपनी पहचान बना सकती है। यह पुस्तक न केवल युवाओं के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी है जो जीवन में उद्देश्यपूर्ण और संतुलित सोच के साथ आगे बढ़ना चाहता है। तुषार का स्पष्ट संदेश है— “अगर सोच मजबूत हो, तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते हैं। विचार ही भविष्य की नींव होते हैं।” उनकी यह सोच निश्चित रूप से युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करेगी।