वन अधिकार अधिनियम-2006 पर जिला स्तरीय समिति एव विशेष जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित

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सुरजीत नेगी/किन्नौर,
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन-शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज किन्नौर जिला के रिकांग पिओ स्थित आई.टी.डी.पी भवन के सम्मेलन कक्ष में जिला स्तरीय समिति एवं विशेष जिला स्तरीय समिति के साथ वन अधिकार अधिनियम-2006 पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत जिला के भूमिहीन लोगों को जमीन उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत गठित की गई वन अधिकार समिति व अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित होना चाहिए ताकि लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने अधिकारियों को खण्ड स्तर पर वन अधिकार समिति के तहत प्रशिक्षण प्रदान करने के भी निर्देश दिए।

जनजातीय विकास मंत्री ने वन अधिकार समिति को सही प्रकार से कार्य करने के आदेश दिए तथा निर्धारित समयावधि में वन अधिकार समिति की बैठक करने को कहा ताकि वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत जिला के पात्र लोगों को उनकी अपनी जमीन प्राप्त हो सके। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 कांग्रेस सरकार की देन है। इस अधिनियम को लाने का मुख्य उद्देश्य जनजातीय जिला के निर्धन एवं भूमिहीन लोगों को जमीन उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार वन अधिकार अधिनियम-2006 के माध्यम से जनजातीय लोगों लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है तथा नोतौड़ अधिनियम-1968 स्वर्गीय मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार की देन है जिससे जन-जातीय लोगों व उपेक्षित वर्गों को भूमि का मालिकाना हक प्राप्त हुआ है।

उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। इसके उपरान्त राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जिला स्तरीय गुणात्मक शिक्षा एवं नशा-निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता की तथा उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के व्यक्तित्व विकास को सुनिश्चित करें तथा उनके अभिभावकों को इस दिशा में प्रेरित करें। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिला में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए अधिकारी एवं शिक्षक धरातल पर कर रहे कार्यों को और दक्षता के साथ करें ताकि जनजातीय जिला किन्नौर के विद्यार्थियों को जिला में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि जिला के विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का कार्य जारी है तथा शीघ्र रिक्त पदों को भर दिया जाएगा।

जनजातीय विकास मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि नवीनतम तकनीक का ज्ञान प्राप्त कर शिक्षक विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर सके। जिला के विद्यालयों को शिक्षा की दृष्टि से अहम आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। इसके अलावा विद्यालयों में अधोसंरचना विकास पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष से विद्यालयों में नए पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध हो सके। जगत सिंह नेगी ने जिला के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशा-निवारण के लिए समय-समय पर खेल प्रतिस्पर्धाएं व नशा-निवारण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना सुनिश्चित बनाएं ताकि जिला के युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों बारे जागरूक किया जा सके और हमारी युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जा सके।

राजस्व मंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने में पहला व सबसे अहम योगदान अभिभावकों का होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि अभिभावक अपने बच्चों पर नजर रखें तथा उन्हें नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करवाएं। उन्होंने जिला के शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को नशें के दुष्प्रभावों पर जागरूक करें। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, जिला परिषद उपाध्यक्षा प्रिया नेगी, जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी, पंचायत समिति कल्पा की अध्यक्षा ललिता पंचारस, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा कुलदीप सिंह डोगरा, पंचायत जनप्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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