कांग्रेस ने परिवार के हितों लिए उड़ाई भारतीय संविधान के धज्जियां : जयराम ठाकुर

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मंडी: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग मंडल के परवाड़ा में आयोजित “संविधान गौरव अभियान” को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ गांधी नेहरू परिवार के हितों के बचाव के लिए हमेशा संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं। कांग्रेस की नेता रही स्वर्गीय इंदिरा गांधी को न्यायालय के समक्ष पेश न होना पड़े उसके लिए भी संविधान में संशोधन करदिए गए। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान 75 से ज्यादा संविधान संशोधन किए। कांग्रेस पार्टी की नेताओं और गांधी नेहरू परिवार ने सदैव अपने आप को संविधान से ऊपर रखने का प्रयास किया। जब मन आया संविधान में संविधान अनुसार संशोधन किया और अपने मन माफिक चीजें संविधान में जोड़ी जिससे उन्हें सत्ता में बने रहने में मदद मिल सके। कांग्रेस द्वारा संविधान की उद्देश्यिका में भी बदलाव किया जिसे बाबा साहब ने संविधान की मूल आत्मा बताया था। कांग्रेस ने “कांस्टीट्यूशन ऑफ़ इंडिया” को “कांस्टिट्यूशन ऑफ़ इंदिरा” बना कर रख दिया था। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने कार्यालय के दौरान 90 बार अनुच्छेद 356 का प्रयोग कर विपक्षी पार्टियों की सरकार को बर्खास्त किया। आज सत्ता से कुछ दिन बाहर रहने के बाद कांग्रेस के नेता जो संविधान की दुहाई दे रहे हैं वास्तव में उनका चरित्र और व्यक्तित्व सदैव संविधान विरोधी रहा है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब का कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हमेशा अपमान किया है। बाबा साहब का अपमान करना ही कांग्रेस पार्टी, गांधी-नेहरू परिवार की पॉलिसी और लीगेसी रही है। बाबा साहब के अपमान का कोई भी मौका कांग्रेस के नेताओं ने आज़ादी के पहले भी नहीं छोड़ा और आज़ादी मिलने के बाद भी नहीं छोड़ा। उन्हें चुनाव जीतने से रोका, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकालने के कुत्सित प्रयास किए। चुनाव मे हरवाने के बाद उपचुनाव में भी हरवाने की साजिशें रची गई। डित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने बाबा साहब के 74333 वोट निरस्त करवाए। सरकारी में अपने परिजनों को सत्ता में रहते ही भारत रत्न देने वाले बाबा साहब को अपनी सरकार में भारत रत्न भी नहीं दिया। यह सब इतिहास में दर्ज है। दुखद यह है कि कांग्रेस ने बाबा साहब के साथ किए अपमान और साजिशों के बारे में देश दुनिया को पता भी नहीं चलने दिया।
बाबासाहब के इस्तीफे के बाद सदन में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया। अपने त्याग पत्र में बाबा साहब ने लिखा था कि “मैं वित्त और उद्योग क्षेत्र में पढ़ा-लिखा था, मगर मुझे उससे जुड़ा एक भी विभाग नहीं दिया गया और एक भी संसदीय कमेटी का हिस्सा नहीं बनाया गया। मुझे कानून मंत्रालय दिया तो गया, मगर ईमानदारी से काम नहीं करने दिया गया। मुझे हिंदू कोड बिल के कार्य को पूरा नहीं करने दिया गया। नेहरू द्वारा केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन एससी और एसटी को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया। प्रधानमंत्री का सारा ध्यान मुस्लिम समुदाय के प्रति समर्पित रहता है। मुसलमानों को दिए जा रहे संरक्षण से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन क्या देश में केवल मुसलमानों को ही सुरक्षा की आवश्यकता है?”

जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र में जब भाजपा के सहयोग से सरकार आई तो बाबा साहब को भारत रत्न दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आई, तो अंबेडकर सेंटर बनकर तैयार हुआ। मोदी की सरकार ने लंदन में जहां बाबा साहब रहे थे, वहां उनकी एक स्मृति बनाई, दिल्ली में उनके निवास स्थान पर स्मृति स्थापित की, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में भी स्मृतियाँ बनाई। भाजपा ने बाबा साहब की स्मृति में ‘पंच तीर्थ’ बनाए जबकि कांग्रेस ने अपने परिवार के नेताओं के नाम पर हज़ारों की संख्या में स्मारक बनवाए और लाखों की संख्या में भवनों सड़कों का नाम भी अपने परिवार के नाम पर रखा। इस मौके पर स्थानीय भाजपा नेताओं पदाधिकारी के साथ स्थानीय लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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