दोनों दल लगा रहे तथ्यहीन आरोप – राजेश वर्मा
शिमला (विकास शर्मा, ब्यूरो चीफ),
ठियोग टैंकर पेयजल आपूर्ति घोटाले पर राजनीति गरमा गई है। इसके तहत कांग्रेस के पूर्व सचिव एवं ठियोग विधानसभा के पर्यवेक्षक रहे राजेश वर्मा ने विपक्षी दल भाजपा और माकपा पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा और माकपा के स्थानीय नेता इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह राठौर का नाम उछाल कर अपनी राजनीति चमकाने का काम कर रहे है जबकि सभी को मालूम है कि विधायक राठौर ने ही मामले के सामने आने पर सबसे पहले जांच के आदेश दिए थे। साथ ही स्पष्ट किया था कि जो भी इस घोटाले में संलिप्त पाए जाएंगे, उनको किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायक के आग्रह पर ही सरकार ने मामले की जांच बिठाई और 10 अधिकारियों को निलंबित किया गया तथा निष्पक्ष छानबीन के लिए मामले की जांच अब विजिलेंस को सौंपी है।
राजेश वर्मा ने कहा कि इस मामले में राजनीति कर रहे भाजपा और माकपा नेताओं को ये भी बताना चाहिए कि पूर्व सरकार में ठियोग अस्पताल के निर्माण में गुणवत्ता का क्यों ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में ठियोग अस्पताल का निर्माण हुआ था और उस समय माकपा नेता वहां के विधायक थे। ऐसे में भाजपा और माकपा नेताओं को कुछ भी कहने से पहले अपने कार्यकाल का भी पूरा आकलन करना चाहिए। राजेश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ठियोग अस्पताल के निर्माण में हुई अनियमितताओं को लेकर जांच बिठाई है और जल्द ही पूरी तह खुल जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह पूर्व सरकार के कार्यकाल में निर्मित ठियोग कॉलेज छात्रावास को असुरक्षित घोषित करना पड़ा है। ऐसे में पूर्व विधायक और पूर्व भाजपा सरकार के नेताओं को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ।
राजेश वर्मा ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट का भी हिसाब बताएं। कि कितने बागवानों को पूर्व सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत मिले 80 प्रतिशत बजट को खर्च किया लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में भाजपा नेताओं को इस पर भी प्रदेश के बागवानों व किसानों के समक्ष स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।