ददाहू (हेमंत चौहान, संवाददाता),
“हिमाचल प्रदेश में स्थापित जलज मॉडलों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए समन्वय, दक्षता और विपणन रणनीतियों को बढ़ावा देना” विषय पर एक राज्य स्तरीय हितधारक परामर्श कार्यशाला का आयोजन कुब्जा पैवेलियन, रेणुकाजी, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश में किया गया। इस कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों, जैसे सरकारी अधिकारी, समुदाय, स्थानीय उद्यमी, संरक्षणविद, और क्षेत्रीय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर, जहां जलज पहल के तहत स्थिरता, समन्वय और विपणन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई तथा यहाँ पहुचे विभिन्न भागों से अधिकारी स्वयं सहायता समूह पंचायत प्रधान वन्य जीव विभाग और उद्यमी से उनके विचार और सलाह मशवरा लिया गया । गंगा की परिकल्पना के तहत, नदी संरक्षण और सामुदायिक आजीविका को सशक्त बनाने के लिए एकीकृत प्रयास है, जिसमें पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों, कौशल विकास और सतत प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाता है।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा मुख्य व्याख्यान, पैनल चर्चाएं और सहभागात्मक सत्र आयोजित किए गए। हितधारक अपने अनुभव और सफलता की कहानियां इस वर्कशाप के माध्यम से साझा की जिससे यहां पहुंचे सभी लोगों को सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। प्रोजेक्ट साइंटिस्ट सौरभ गवन व सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट अंजना शर्मा ने बताया यह कार्यशाला जलज परियोजना के उद्देश्यों को साकार करने के लिए एक स्थिर मॉडल स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जो न केवल स्थानीय आजीविका को सशक्त बनाएगी बल्कि क्षेत्र की समृद्ध जलीय जैव विविधता के संरक्षण को भी सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि श्री रेणुका जी में यह वर्कशॉप रखने का मकसद यहां की प्राकृतिक एवं धार्मिक दृष्टि से बहुमूल्य धरोहर श्री रेणुका जी झील को किस तरीके से संरक्षित व साफ सुथरा रखा जाये। इसके लिए सामुदायिक भागीदारी को सूचित करना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह को आर्थिक तौर पर सुदृढ़ और सशक्त करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी और उनके द्वारा बनाएंगे प्रोडक्ट को खरीद कर लोगों तक पहुंच जाएगा।
फील्ड स्टेट कोऑर्डिनेटर नवराज ठाकुर ने बताया कि इस प्रकार की कार्यशाला ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित करने से यहां के लोगों में जागरूकता रहेगी और वह अपने प्राकृतिक स्रोत नदी नाले पहाड़ी व्यंजन स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट नदी नालों के कटाव को रोकने में और जैविक विविधता संरक्षण इत्यादि से अवगत रहेंगे।गंगा प्रहरी की तरफ से प्रिंस गोयल और यशपाल इस कार्यशाला में भाग लिया। इस अवसर पर कृषि विभाग डिप्टी डायरेक्टर राजकुमार इंडस्ट्री विभाग से अधिकारी पुलिस विभाग से शांता ठाकुर विभिन्न पंचायत प्रधान स्वयं सहायता समूह हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन डैम प्रोजेक्ट वह अन्य विभागों से आए कर्मचारी मौजूद रहे।