समाज के लिए मिसाल, बेटे ने दान की पिता की आंखें, दो लोगों को मिलेगी रोशनी

0
396

शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में कुल्लू निवासी अशोक कुमार ने दरिया दिली दिखाकर अपने 62 वर्षीय मृत पिता की आंखें दान की। ऐसा करके उन्होंने समाज में मिसाल कायम की है। अब उनके पिता की आंखें दो लोगों के जीवन की रोशनी बनेगी। अशोक कुमार ने बताया कि उनके पिता लंबे समय से फेफड़ों के रोग से ग्रसित थे। लंबे समय तक इलाज चला रहा। इसी बीच कुछ दिन पहले 11 सितंबर को सीटीवीएस विभाग में दाखिल उनके पिता ने अंतिम सांस ली। विभाग के डाक्टरों ने उन्हें नेत्रदान के बारे में जानकारी दी तो उन्होनें बिना आनाकानी किए पिता की आंखे दान करने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि उनके पिता समाज सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे, ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता अभियान के तहत लोगों को नुक्कड़ नाटक के जरिए शिक्षा का महत्व बताते थे। पिताजी हमेशा से परोपकार के कामों में आगे रहते थे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि नेत्रदान हर कोई व्यक्ति कर सकता है, यह काम दूसरों की जिंदगी में उजाला ला सकता है। मरने के बाद नेत्रदान जरूर करना चाहिए ताकि जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके। बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने सीटीवीएस विभाग के डॉक्टर सुधीर मेहता वह डॉक्टर सीमा का धन्यवाद किया। नेत्रदान करने के बाद नेत्र रोग विभाग की ओर से डॉक्टर विनय गुप्ता ने संबंधित परिवार को प्रशस्ति पत्र जारी किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here