नौहराधार (हेमंत चौहान, संवाददाता),
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की शाखा नौहराधार में हुए घोटाले की जांच में हो रही देरी और इस मामले में किसी बड़े अधिकारी जिसमें निर्देशक और चेयरमैन का हस्तक्षेप न करना, लोगों में रोष और अविश्वास की स्थिति पैदा कर रहा था। आज बैंक के निर्देशक कुलभूषण मोहिल ने नौहराधार शाखा का दौरा किया। यहां पहुंचकर उन्होंने लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों के साथ बातचीत की और उन्हें आश्वस्त किया कि बैंक कर्मी द्वारा किए गए घोटाले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और लोगों की एक-एक पाई उन्हें वापस लौटी जाएगी। बैंक के डायरेक्टर कुलभूषण मोहन ने इस प्रकरण पर कहा कि बैंक के लिए खाता धारक भगवान है और बैंक कर्मचारी संस्था की रीड होते हैं | उनके द्वारा इस प्रकार की धोखाधड़ी को अंजाम देना बैंक और ग्राहक समुदाय के साथ जगन्य विश्वास घात है | हिमाचल प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लगभग 26,000 करोड़ की पूंजी का और लगभग 16 लाख खाताधारको के साथ कार्य कर रहा है। बैंक के कर्मचारियों को पूर्ण निष्ठा लगन और ईमानदारी के साथ कार्य करना चाहिए | इस पूरे प्रकरण में चाहे किसी भी उच्च अधिकारी या कनिष्क अधिकारी का थोड़ा भी हाथ रहेगा, तो उसे बक्शा नहीं जाएगा | यदि फिर भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो मैं खुद जनता के साथ मिलकर सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आऊंगा। भारत भूषण महिला ने लोगों को आश्वस्त करते हुए यह सब बात कही।
हिमाचल प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की शाखा नौराधार में हुई लोगों के खातों के साथ गड़बड़ी के मामले में कड़ा संज्ञान देते हुए सात कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और 10 कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई अमल में लाते हुए उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया | इसके अतिरिक्त शाखा में तैनात अन्य कर्मचारियों को भी दूसरी जगह पर स्थानांतरित कर दिया है | साथ ही इस मामले में विभागीय जांच के तुरंत आदेश को विस्तृत जानकारी जुटा जा रही है | हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं बैंक के लिए बेहद निंदनीय और अस्वीकार्य है | उन्होंने बताया कि बैंक प्रबंधक ने इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए तथा नाबार्ड द्वारा मापदंड के अनुसार इस जांच प्रक्रिया को केंद्रीय इन्वेंशन ब्यूरो सीबीआई से करने का निर्णय लिया है और जल्द ही यह पूरा मामला उन्हें जांच हेतु भेज दिया जाएगा।
इसके बावजूद भी लोगों के मन में कहीं शंकाय है जिसमे लोगों का कहना है कि निर्देशक द्वारा उन्हें कोई भी लिखित तौर पर स्पष्ट नहीं किया कि कब तक उन्हें उनका पैसा लौटाया जाएगा जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और कारण बताओं नोटिस जारी किया गया उन पर क्या कार्रवाई अमल में लाई जाएगी | यहां से पूर्ण स्टाफ को ट्रांसफर कर दिया गया है और यहां पर अभी सिर्फ तीन ही कर्मचारी कार्य कर रहे हैं | अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति कितनी जल्दी की जाएगी यह सवाल अभी भी लोगों मन में उठ रहे हैं क्योंकि आधिकारिक तौर पर अभी भी 4 करोड़ 20 लख रुपए का ही गबन कहा गया है जो की ऑडिट प्रक्रिया के प्रथम चरण में परंतु 15 दिन ओर बीत जाने पर आधिकारिक पुष्टि स्पष्ट नहीं किया गया। आशंका है यह जताई जारी है कि यह अमाउंट और अधिक ज्यादा बढ़ेगा।