शिमला (विकास शर्मा, ब्यूरो चीफ),
प्रदेश के किसी भी अस्पताल से यदि मरीज को आइजीएमसी में रेफर किया जाता है। ऐसे मरीजों व स्वजनों को बीमारी की कोई डिटेल बताने की जरूरत नहीं रहेगी। अस्पताल में मरीज जब पर्ची बनेगी तो उसमें एक कामन आईडी डाली जाएगी। उस समय पंजीकरण नंबर दिया जाएगा। इस नंबर को डालकर मरीज की बीमारी की पूरी हिस्ट्री पता लग सकेगी। इसके लिए आइजीएमसी प्रशासन ने पूरे प्रदेश का एक केंद्रीय सिस्टम शुरू किया है।
आइजीएमसी में मंगलवार से इसके तहत पर्ची बनाना शुरू कर दिए है। इसमें जो भी आईडी पर्ची पर होगी। उस आईडी के माध्यम से किसी भी अस्पताल में मरीज की बीमारी की पूरी हिस्ट्री राज्य के सभी अस्पताल में मौजूद होगी। अभी तक मरीज को लाने पर पहले करवाए गए सभी टेस्ट ये पहले क्या दवाएं दे चुके हैं। इसकी पूरी पर्चियां मरीजों को लानी होती है।
मरीज के तमिमदारो को मरीज के साथ ही उनके दस्तावेजों की पूरी फाइल भी उठा कर लानी होती है। भविष्य में इस सिस्टम के लागू होने के बाद इससे छुटकारा मिलेगा। साथ ही आइजीएमसी में इलाज करवाकर जो मरीज बाद में प्रदेश के दूसरे हिस्से के अस्पताल में दवा के लिए जाएंगे. उन्हें भी इस काम आईडी से लाभ होगा।
मरीजों की यदि रिपोर्ट घूम हो जाती है तो मरीजों को परेशान होने की जरूरत नहीं है न ही मरीजों को द्वारा टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं है। अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली को शुरू कर दिया है। इसमें मरीज की सारी रिपोर्ट मिल जाएगी। अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली वह प्रणाली है जो रोगी के स्वास्थ्य डेटा को बताती है। इसमें रोगी का पूरा डेटा होता है। इसमें मरीज की पंजीकरण से लेकर मरीजों की रिपोर्ट , लैब टैस्ट व टेस्ट की पूरी जानकारी प्रदान होगी। अस्पताल के एमएस डाक्टर राहुल राव ने बताया कि मंगलवार से अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली को शुरू कर दिया है। इसके शुरू होने से मरीजों को अस्पताल में परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। इसके माध्यम से मरीज की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पूरे प्रदेश के अस्पतालों के लिए कामन आईडी जारी की जाएगी।