एनएचपीसी पार्बती जल विद्युत परियोजना, चरण-II टनल की डेलाइटिंग

0
642

ब्यूरो रिपोर्ट : संयुक्त सचिव (हाइड्रो) विद्युत मंत्रालय भारत सरकार, निदेशक (परियोजनाएँ) एनएचपीसी, कार्यपालक निदेशक (पीएमएसजी) और कार्यपालक निदेशक, चंडीगढ़ की उपस्थिति में 22.10.2023 को 5 मीटर की ड्रिलिंग करके प्रोब होल के माध्यम से एनएचपीसी पार्बती जल विद्युत परियोजना, चरण-II की 31.526 किलोमीटर हेड रेस टनल (एचआरटी) की डेलाइटिंग का कार्य पूरा हुआ। यह सफलता एचआरटी की सबसे लंबी टनल यानी एडिट-1 और 2 के बीच के हिस्से में हासिल की गई है, जिसकी कुल लंबाई 13.118 किलोमीटर है। एडिट-1 (कुल लंबाई 5555 मी) की निचली धारा में खुदाई पारंपरिक ड्रिल ब्लास्ट विधि (डीबीएम) द्वारा की गई थी जबकि टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) को एडिट-2 (कुल लंबाई 7563 मीटर) के ऊपरी धारा में तैनात किया गया था। यह दौर सबसे गंभीर था और पिछले कुछ वर्षों में सामने आई चुनौतियों में से यह सबसे कठिन साबित हुआ था क्योंकि गाद/मलबे वाले पानी के भारी निर्वहन, शीयर जोन, चट्टान के टूटने आदि के कारण काम बाधित हो गया था। एनएचपीसी ने सभी बाधाओं के बावजूद कार्य को पूरा करने के लिए इन सभी कठिन चुनौतियों को पार कर लिया है। इस गतिविधि का पूरा होना इस परियोजना के पूर्ण रूप से चालू होने की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर है। परियोजना को पूरा करने की नई निर्धारित तिथि 15.09.2024 है। पार्बती-II परियोजना पार्बती नदी पर स्थित है और ब्यास नदी के साथ इसके संगम से लगभग 49 किमी ऊपर पुलगा में 83.7 मीटर ऊंचा डायवर्जन बांध है। नदी के बाएं किनारे पर 31.526 किमी लंबी कंक्रीट की हेड रेस टनल (एचआरटी) ब्यास नदी की सहायक नदी सैंज के दाहिने किनारे पर स्थित विद्युत गृह तक पानी पहुंचाती है। पावर हाउस से पानी 60 मीटर लंबे टेल रेस चैनल के माध्यम से सैंज नदी में छोड़ा जाता है। पारियोजना की प्रस्तावित क्षमता 800 है और 95% मशीन उपलब्धता के साथ वर्ष में 90% पानी की निर्भरता के साथ इसकी डिजाइन ऊर्जा 3124.6 मिलियन यूनिट होगी। परियोजना का सक्रिय निर्माण 7 वर्ष की पूर्ण अवधि के साथ सितम्बर 2002 में शुरू हुआ। हालाँकि, भूवैज्ञानिक आश्चर्यों, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य अप्रत्याशित कारणों सहित विभिन्न कारणों से परियोजना में देरी हुई। बांध, विद्युत गृह, आंशिक एचआरटी और नालों को एचआरटी से जोड़ने का कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं और जीवा, मनिहार, पंचा, हुरला नालों से पानी को प्राप्त करके परियोजना सितंबर 2018 से आंशिक लोड पर बिजली पैदा कर रही है। 5 एडिट से 31.545 किमी एचआरटी की खुदाई हो चुकी है। इनमें से 3 एडिट का काम पहले ही पूरा हो चुका है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here