
हमारा प्यारा हिमाचल प्रदेश पिछले कई दिनों से कुदरत का कहर झेल रहा है | लगातार कई घंटे मुसलाधार बारिश होने कारण जगह जगह पहाड़ दरक गए हैं और नदियाँ उफन गई हैं | इस दौरान कई लोगों के घर पानी में बह गये हैं और कई आशियाने मलबे में दब गये हैं | बहुत से लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ गया है | इस तरह का प्राकृतिक कहर इस पहाड़ी प्रदेश ने कई सालों में पहली बार देखा है | हालाकि अपने आशियाने को खोने के दर्द को आसानी से भुलाया नहीं जा सकता | फिर भी इस प्राकृतिक आपदा के कारण जिन लोगों को बेघर होना पड़ा है उनके लिए सरकार और प्रशासन द्वारा मुआवजे का प्रावधान है | लेकिन ज्यादातर लोग इसकी प्रक्रिया से अनभिज्ञ रहते हैं और उन्हें इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पाता | इस लेख में हम आपको बतायेंगे कि आखिर आपदा में बेघर हुए लोग कैसे प्रशासन की सहायता ले सकते हैं |
प्रशासन देगा मुआवजा
अगर वर्षा या मलबे के कारण आपके घर या गौशाला को कोई नुक्सान पहुंचा है तो आप प्रशासन से मुआवजे के लिए अपील कर सकते हैं | इसके लिए आपको लोकमित्र केंद्र जाकर आरएमएस पोर्टल पर आवेदन देना होगा | उसके बाद स्थानीय पटवारी मौके पर जाकर आपके नुक्सान का मुआयना करेगा और फिर उसकी रिपोर्ट के आधार पर आपको मुआवजा दिया जाएगा | मकान का नुक्सान होने पर मुआवजे की राशि एक लाख तीस हजार तक हो सकती है जबकि गौशाला के लिए ये राशि दस हजार है |
मनरेगा के माध्यम से मिलेगी राहत
वीरवार को पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने घोषणा की है कि आपदा में किसी का मकान , बगीचा या डंगे का नुक्सान होने पर प्रभावित व्यक्ति को मनरेगा के माध्यम से भी सहायता मिल सकेगी | इसके लिए उक्त व्यक्ति को स्थानीय पंचायत में सादे कागज़ पर आवेदन देना पड़ेगा | आवेदन के साथ पटवारी की रिपोर्ट भी संलग्न की जा सकती है | उसके बाद ये आवेदन जिला योजना अधिकारी (डीपीओ) के पास जाएगी जहाँ इन्हें स्वीकृति मिलेगी | स्वीकृति मिलने के बाद मनरेगा के माध्यम से डंगा निर्माण या भू सुधार का कार्य किया जा सकता है | प्रदेश की बड़ी आबादी ग्रामीण पृष्ठभूमि की होने के कारण इस योजना से आपदा प्रभावितों को सीधा लाभ मिलने की अपेक्षा है |
उद्यान विभाग से भी मिलेगी सहायता
प्रदेश में बड़ी संख्या बागवानों की है | बागवानी विभाग के पास एनडीआरएफ के माध्यम से फंड होता है जिसे आपदा की स्थिति में बागवानों को राहत देने के लिए प्रयोग किया जाता है | यदि आपके बगीचे का नुकसान हुआ है तो आप मुआवजे के लिए स्थानीय बागवानी विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं |