केलांग (रंजीत लाहौली/संवाददाता),
तांदी बाँध संघर्ष समिति कांग्रेस सरकार की न्यू हाइड्रो पॉलिसी को लेकर हरकत में आ गई है | तांदी बाँध संघर्ष समिति के प्रधान विनोद लारजे ने कहा कि उन्हें इस सरकार से यह उम्मीद थी कि यहाँ रहने वाले लोगों के हितो को ध्यान में रखते हुए सरकार हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को चंद्रा भागा घाटी में नहीं लाएगी परन्तु इसके उलट कांग्रेस सरकार हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दे रही है | विनोद लारजे ने कहा कि हम विकास विरोधी नहीं है लेकिन जमीनी हकीकत को भी सरकार को देखना चाइए | चंद्रा भागा घाटी में एक भी प्रोजेक्ट लगेगा तो यहाँ की जलवायु और पर्यावरण में भीषण बदलाव आयेगा | बीते कुछ सालों में तांदी और इसके आस पास के इलाके सिंचाई और पीने की पानी से सम्बंधित समस्या से रू ब रू हो रहें हैं | अगर ऐसे इलाको में जहाँ पहले से ही पानी की भयंकर समस्या है, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स लगाए जातें हैं तो हालात बद से बदतर होते चले जायेगें | सिंचाई के लिए गलेशियर से जो पानी आता था कम बर्फीबारी की वजह से वहाँ से नाम मात्र पानी आ रहा है जोकि सिंचाई के लिए काफी नहीं है इसीलिए लिफ्ट इर्रिगेशन सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है | अगर सरकार का यहीं रवैया रहा तो किन्नौर और जोशीमठ जैसे हालात लाहौल घाटी में भी होंगें इससे इनकार नहीं किया जा सकता | सरकार अगर इस फैसले को वापिस नहीं लेती है तो लोग सड़को पर उतर कर इसका विरोध करेगें |