कुल्लू : लोगों को पीपल मेले में मुफ्त में मिलेगी विधिक साक्षरता की जानकारी

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कुल्लू (आशा डोगरा/सब एडिटर),  

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में जहां तीन दिवसीय पीपल मेले का आगाज हो गया है। तो वहीं अब यहां पीपल मेले में आने वाले लोगों को मुफ्त में विधिक साक्षरता की जानकारी मिलेगी। ताकि कानूनी प्रक्रिया से आमजन भी रूबरू हो सके। वहीं ढालपुर में इस स्टॉल का शुभारंभ  जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुल्लू देवेन्द्र कुमार के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा समिति का गठन वर्ष 1987 में किया गया ताकि घरद्वार पर विभिन्न कानूनों की जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि इस स्टाल में अनुसूचित जाति व जनजाति, महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगों, आपदा पीड़ितों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता का जो प्रावधान है। उसके बारे में जनता को जागरूक किया जाएगा। वही, इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत सरल है। अत: पात्र लोगों को सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।  उन्होंने बताया कि मेले के दौरान बच्चो व महिलाओं के मौलिक अधिकार व कर्तव्यों से  भी अवगत करवाया जाएगा और अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम, माता-पिता भरण पोषण कानून, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, बाल मजदूरी, मनरेगा कानून के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा। देवेन्द्र कुमार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसकी सालाना आय तीन लाख रुपये से कम हो मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार रखता है। इसके अलावा सभी महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को भी मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इसके लिये एक सादे कागज पर आवेदन जिला अथवा उपमण्डलीय न्यायालय में करना होता है। सरकार पात्र व्यक्ति का मुकद्दमा लड़ने के लिये वकील की व्यवस्था निःशुल्क करती है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार ने कहा कि समाज में सभी लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए, तभी वे किसी भी प्रकार के अन्याय से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। वह आज पीपल जातर मेले के उपलक्ष्य में ढालपुर मैदान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रदर्शनी का विधिवत शुभारंभ करने के उपरांत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सहायता प्राधिकरण सभी महिलाओं तथा उन लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है, जो धनाभाव में कभी-कभार न्याय प्राप्त करने से वंचित रह जाते थे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का उद्देश्य समाज के पात्र व्यक्ति को न्याय प्राप्त करने के लिये निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना है।

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