राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ),
आगामी 15 एवं 16 अप्रैल को 21वीं सदी के भारत में भारतीय शिक्षा- चुनौतियाँ, अवसर और आगे की राह पर अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस इटरनल यूनिवर्सिटी के अकाल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, अकाल अकादमी एवं इटरनल यूनिवर्सिटी के कॉर्पोरेट संसाधन केंद्र के सहयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविश्वविद्यालों के कुलपति, शिक्षार्थी , आईआईटी फैकल्टी, तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के साथ ही कई शिक्षा क्षेत्र के विद्वान जुटेंगे। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य 21वीं सदी में भारतीय उच्च एवं स्कूली शिक्षा में आने वाली चुनौतियां, अवसर और आगे की राह तय करने की दिशा में उठाए जाने वाले कदम पर आधारित है I इस कार्यक्रम मे मुख्य आयोजक एवं इंडस्ट्रियल रिलेशन्स के डायरेक्टर डॉ. एससी घोष ने बताया कि यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए लाभकारी होगा जो शिक्षाविद, विचारक नेता, शिक्षा के अग्रदूत, आकांक्षी, गैर-लाभकारी संगठन, जिन्हें नई या मौजूदा नेतृत्व की स्थिति में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा और प्रेरणा की आवश्यकता है, वह सभी जो अपने संस्थान/विश्वविद्यालयों में लागू करने के लिए नई रणनीतियों की तलाश कर रहे है, जो अपनी वर्तमान और भावी भूमिकाओं से अभिभूत हैं और जो प्रेरणा, प्रतिबिंब, नवाचार और अच्छी प्रथाओं की तलाश करना चाहते हैंI उन्होंने भारतीय उच्च एवं स्कूली शिक्षा प्रमुख व्यावहारिक चुनौतियाँ एवं मुद्दे के बारे में भी कार्यक्रम में शामिल करने की बात की जैसे की शिक्षा दर्शन को समझना और इसे शिक्षा नीतियों में इसकी भावना और क्रिया में आत्मसात करना, नई शिक्षा नीति (एनईपी- 2020) के अनुसार घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संसाधन जुटाना, सभी हितधारकों के बीच उचित समन्वय, विशेष रूप से राज्य की भूमिका, शैक्षिक प्रणाली के संपूर्ण सरगम के लिए तकनीकी एकीकरण, संवैधानिक मूल्यों के साथ स्थानीय रूप से प्रासंगिक क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, सरकार से सरकार के स्तर पर उपयुक्त हस्तक्षेप रणनीति के माध्यम से अफ्रीका, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, एशिया प्रशांत जैसे कम विकासशील देशों में उच्च शिक्षा चैत्र की क्षमता को बढ़ाना, उच्च शिक्षा के सभी संभावित आयामों में सर्व-समावेशी गुणवत्ता पर जोर देना ,वृहत स्तर (एमओई) पर हमारी शिक्षा नीति में निर्धारित प्रगति के विकास, कार्यान्वयन और मूल्यांकन में उच्चतम स्तर की वस्तुनिष्ठता ,सभी हितधारकों को एकीकृत करने और प्रतिक्रिया देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भूमिका एवं शिक्षा नीति दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर समीक्षा कर अध्ययन करना I एडवाइजर हेल्थ एंड एजुकेशन के डीन डॉ. नीलम कौर ने इस आयोजन को लेकर सभी तैयारियों का जायजा लिया और डॉ. रैना भाटिया एवं डॉ. एससी घोष के द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उनके प्रयासों की सराहना कीI कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब की और से डॉ. दविंदर सिंह ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शुभकामनाएं दी I