चंबा : सूचना का अधिकार लोकतंत्र को सही मायने में लोगों के लिए कार्य करने वाला है बनाना

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चंबा (एम एम डैनियल/ ब्यूरो चीफ),
राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चंबा में जिला प्रशासन चम्बा के संयुक्त तत्वावधान में सूचना का अधिकार जागरूकता संबंधित एवं सूचना का अधिकार संबंधित अंतर महाविद्यालय प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विद्या सागर शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। जबकि डॉ हेमन्त पाल स्त्रोत व्यक्ति के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चंबा, महाविद्यालय लिह्ल कोठी, राजकीय महाविद्यालय सलूणी, राजकीय महाविद्यालय भलेई, चंबा मिलेनियम बी एड कॉलेज सरू, बक्शी टेक चंद डी ए वी कॉलेज बनीखेत के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया ।
अपने संबोधन में प्राचार्य विद्या सागर ने कहा कि सूचना का अधिकार के बारे में जानकारी दी व कहा कि सभी को इस कार्यक्रम के माध्यम से सूचना का अधिकार की सशक्तता व इसके सकारात्मक पहलू के बारे में जान पाएंगे । सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना, सरकार की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना, भ्रष्टाचार को रोकना तथा हमारे लोकतंत्र को सही मायने में लोगों के लिए कार्य करने वाला बनाना है। यह स्पष्ट है कि सूचना प्राप्त नागरिक शासन के साधनों पर आवश्यक नजर रखने के लिए बेहतर रूप से तैयार होता है और सरकार को जनता के लिए और अधिक जवाबदेह बनाता है। यह अधिनियम नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अपने संबोधन में स्रोत व्यक्ति डॉ हेमन्त पाल ने सूचना का अधिकार का उद्देश्य, इसकी उपलब्धियां, इसका दुरुपयोग, इसकी फीस, प्रक्रिया, प्रथम अपीलीय अधिकारी, द्वितीय अपीलीय अधिकारी, सूचना तय समय में न देने की कार्यवाही इत्यादि के बारे में विस्तृत रूप से बताया । उन्होंने कहा कि अधिनियम के मुख्य उद्देश्यों में पारदर्शिता लाना, जवाबदेही तय करना, नागरिकों को सशक्त बनाना, भ्रष्टाचार पर रोक लगाना लोकतंत्र की प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है । डॉ हेमन्त के अनुसार सूचना तक पहुँच का अधिकार समाज के गरीब और कमज़ोर वर्गों को सार्वजनिक नीतियों और कार्यों के बारे में जानकारी मांगने और प्राप्त करने हेतु सशक्त बनाता है, जिससे उनका कल्याण संभव हो सके। यह अधिनियम सरकार के सभी कदमों को आम जनता के समक्ष जाँच के दायरे में लाता है।इससे सरकार और सरकारी विभाग और अधिक जवाबदेह बनते हैं एवं उनके कार्यों में पारदर्शिता आती है। प्रतिस्पर्धाओं में डॉ. हेमन्त पाल, डॉ. तेज सिंह, डॉ. मनेश, डॉ. जयश्री, डॉ. मनोज, प्रो. वीरेंद्र, प्रो. विजय ने निर्णायक की भूमिका निभाई । निर्णायकों के अंतिम निर्णय के अनुसार भाषण प्रतियोगिता में: भलेई महाविद्यालय की जिंदल, लिह्ल महाविद्यालय की चंद्रेश व चम्बा महाविद्यालय की देवांशी गौतम; पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता में: चम्बा महाविद्यालय के दक्ष विज, चम्बा मिलेनियम बीएड महाविद्यालय के आशीष व चम्बा महाविद्यालय के आर्यन; नारा लेखन प्रतियोगिता में: चम्बा मिलेनियम बी एड महाविद्यालय की तनु कुमारी, भलेइ महाविद्यालय की साजिया अख्तर व सलूणी महाविद्यालय के हरिंदर कुमार; निबंध लेखन प्रतियोगिता में: डीएवी बनीखेत महाविद्यालय के पंकज, भलेई महाविद्यालय के रुकसाना व सलूणी महाविद्यालय के मनीष कुमार क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे । मुख्यातिथि द्वारा विजेताओं को नगद पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मिलेनियम बी एड महाविद्यालय के देवेंद्र पूरी, सलूणी महाविद्यालय के प्रो. आशीष शर्मा, चम्बा महाविद्यालय के प्रो. परविंदर कुमार, डॉ. महिंद्र सलारिया, डॉ. हेमन्त पाल, डॉ. मनेश कुमार, डॉ. शेली महाजन, डॉ. तेज सिंह, डॉ. जयश्री, डॉ. चमन, प्रो. अविनाश, डॉ. संतोष कुमार, प्रो. शिल्पा, प्रो. संजीव कुमार, प्रो. वीरेंद्र सिंह, प्रो. विजय कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. पवन कुमार, डॉ. मनोज कुमार उपस्थित रहे ।

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