सिरमौर : ओपीएस कर्मचारी संघ ने सुक्खू सरकार का जताया आभार

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राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ),

हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ जिला सिरमौर ने हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं संपूर्ण मंत्रिमंडल का हिमाचल प्रदेश में सैद्धांतिक रूप से पुरानी पेंशन बहाल करने तथा 1 अप्रैल 2023 से सभी कर्मचारियों को जीपीएफ मे लाने के ऐतिहासिक निर्णय का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, राज्य उपाध्यक्ष सुनील तोमर, राज्य सलाहकार जोगी राम कनयाल, राज्य  प्रवक्ता ओमप्रकाश शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश परमार, महासचिव डॉक्टर एम के कौशल, महिला जिला अध्यक्ष  प्रीतिका परमार, खंड अध्यक्ष संदीप कश्यप, प्रवीण शर्मा, जितेंद्र चौहान, वेद शर्मा, चंद्रमणि  वर्मा,  बीआर सिंगटा, कपिल ठाकुर, वेद शर्मा आदि ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि सत्ताधारी दल ने चुनाव पूर्व कर्मचारियो से जो वादा किया था आज उसे निभा दिया है | परिणामस्वरुप लोगो का लोकतंत्र में विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा ऐसी तिथी को  यह निर्णय लिया गया है जो तिथी पुरानी पेंशन योजना बहाली हेतु पहले भी ऐतिहासिक रही है। पिछले वर्ष  इसी दिन हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में विधानसभा का घेराव था किया था जिसके उपरांत उनमें से लगभग 30 कर्मचारी नेताओं पर एफ आई आर दर्ज की गई, कर्मचारियों के तबादले दूरदराज के क्षेत्रों में किए गए परंतु नई पेंशन योजना संघ ने अपना संघर्ष राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर के नेतृत्व में जारी रखा। विपक्ष ने इस मुद्दे का पूर्ण दोहन किया तथा प्रियंका गांधी ने स्वयं  सोलन के पुराने जिलाधीश कार्यलय स्थल पर संघठन की क्रमिक भूख हड़ताल पर पहुंच कर पुरानी पेंशन बहाल करने का आश्वासन दिया जिसके बाद  इसे 10 गारंटियो मे पहला  स्थान  मिला ओर 3 मार्च के दिन को पुनः ऐतिहासिक  बनाते हुए  “सुक्खू” सरकार ने  हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को सैद्धांतिक रूप से लागू करने का निर्णय लिया। इस योजना से  लगभग डेढ लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे । इसके अतिरिक्त  12000 ऐसे परिवार भी है जो 2003 से 2023 के मध्य सेवानिवृत्त हुए हैं उन्हें भी विकल्प के माध्यम से पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा । जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर  ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री  के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय कर्मचारियों के लिए अपनी अपेक्षा एवं मांग से अधिक  ही है क्योंकि इस निर्णय में ना केवल पुरानी पेंशन बहाल की गई, बल्कि उन साथियों को भी विकल्प दिया गया जिन्हे लगता था कि शायद नई पेंशन में उन्हें अधिक लाभ होगा अब सभी कर्मचारियों को अपनी इच्छा अनुसार पेंशन योजना अर्थात अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करने का विकल्प मिल गया है मुख्यत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को जिनका  सेवाकाल मुश्किल से 12-13  वर्ष का ही रहता है और जीवन पर्यंत कम वेतन के कारण अपने बुढ़ापे के लिए पर्याप्त पूंजी भी एकत्रित नहीं कर पाते हैं उनके लिए पुरानी पेंशन  बहाली संजीवनी का कार्य करेगी और हिमाचल प्रदेश  के कर्मचारी इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए सदैव हिमाचल प्रदेश सरकार के ऋणी रहेंगे। हिमाचल प्रदेश मे पुरानी पेंशन अपने तरीके  लागू की जा रही है जो प केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करेगी। बेशक छत्तीसगढ़, राजस्थान व झारखंड आदि ऐसे राज्य है जहां पर पुरानी पेंशन को पहले ही बहाल कर दिया गया है परंतु हिमाचल प्रदेश में दोनों पेंशन योजनाओं का विकल्प देकर सभी कर्मचारियों के हितो को सुरक्षित रखने एवं उनकी इच्छा अनुसार पेंशन योजना को चुनने का अधिकार देकर अपने तरीके से अपना मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो बहुत ही सराहनीय कदम है। जिलाध्यक्ष  ने कहा कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ राज्य कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार धर्मशाला में आभार रैली का आयोजन करेगा जिसमें 100000 कर्मचारी एवं उनके परिवार उपस्थित होंगे तथा वह आभार रैली भी अपने आप में अभूतपूर्व होगी।

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