चंबा : पूर्व सरकार ने की थी करुणामूलक की आधी अधूरी नोटिफिकेशन : अत्री

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चंबा (एम एम डैनियल/ब्यूरो चीफ),

करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश ने प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में मिशन स्पीड शुरू किया। इस मिशन के तहत प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रितों ने स्पीड पोस्ट के तहत अपना एजेंडा मुख्यमंत्री को प्रस्तावित किया है। इस मिशन के संदर्भ में जानकारी देते हुए करुणामूलक संघ जिलाध्यक्ष रविन्द्र अत्री ने बताया कि मिशन स्पीड की गूंज हर जिले से देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि करुणामूलक परिवारों का कहना है कि करुणामूलक नौकरी के लिए हर कोशिश को अंजाम देने के लिए तत्पर तैयार है और सरकार को जल्द ही करूणा मूलक नौकरियां बहाल करनी होंगी। उन्होंने बताया कि करुणामूलक आश्रितों ने बजट सुझाव में सीधे तौर पर कहा है कि करूणा मूलक  परिवारों के लिए बजट में प्रावधान किया जाए। जबकि  मई महीने से करुणामूलक आश्रितों को नियुक्तियां देना शुरू कर दी जाएं। संघ द्वारा पिछली सरकार के समय भी बहुत बड़ा आंदोलन किया जा चुका है। जिसे  करुणामूलक क्रमिक भूख हड़ताल नाम दिया गया। ये भूख हड़ताल 432 दिन चली थी और ये भूख हड़ताल चुनाव आचार सहिंता के चलते बंद करनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के  समय कुछ परिवारों को राहत तो जरूर मिली थी परंतु कुछ विभागों में क्लास-डी के मामलों में नियुक्तियां देने में असमर्थ रही थी। जिसमे जल शक्ति विभाग व सीएसके  कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर व अन्य कई एसे विभाग है जहां पर क्लास डी में नियुक्ति नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आधी अधूरी नोटिफिकेशन पूर्व सरकार द्वारा की गई थी। जिसके चलते सरकार क्लास-सी में एक भी नियुक्ति नही दे पायी थी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री  जल्द करुणामूलक राज्य कार्यकारिणी  को अधिकारी  लेवल पर जल्द वार्ता के लिए बुलाए। संगठन ने सुझाव दिया कि अगर सरकार  एक साथ नौकरियां देने में असमर्थ है तो  बिना शर्त बैचवाइस या थ्री बैच में नियुक्तियां दे सकती है।  जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा हामी भरी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों में योग्यता के आधार पर नियुक्तियां जाएं। उन्होंने कहा कि इस आगामी माह 14 मार्च को पेश होने वाले बजट में करुणा मूलक परिवारों के लिये स्पेशल् बजट का प्रावधान किया जाएं। करुणामूलक संघ की मुख्य मांगें आगामी कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए व निम्न बातें ध्यान में रखी जाए, ए- 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए, बी- वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए, सी- क्लास-सी व क्लास-डी में 5 फीसदी कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए, डी- योग्यता के अनुसार क्लास-सी व क्लास-डी  के सभी श्रेणियों (टेक्निकल + नॉन टेक्निकल) के सभी पदों में नौकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े, ई- जिन विभागों में खाली पोस्टें नहीं है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नौकरियां दी जाए, बजट सत्र में करुणामूलक् आश्रितों के लिए अलग से स्पेशल बजट का प्रावधान किया जाए, समस्त करुणामूलक परिवारों को क्लास-सी व क्लास -डी में अप्रैल माह से नियुक्तियां दी जाए।

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