सिरमौर : पुरानी पेंशन बहाली समाज के किसी भी वर्ग पर बोझ नहीं : सुरेंद्र पुंडीर

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राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ),

जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ ने राज्य केबिनेट द्वारा पूरानी पेंशन बहाली हेतू प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा संपूर्ण मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया। इस बैठक में समस्त राज्य व जिला कार्यकारणी के सदस्य के साथ साथ सभी खंड अध्यक्षो का फूल मालाओ से अभिनंदन किया गया। उपस्थित लोगों ने माननीय उद्योग, आयुष एवं संसदीय मामले मंत्री हर्षवर्धन चौहान व माननीय विधायक नाहन चुनाव क्षेत्र अजय सोलंकी के अपने गृह जिला प्रवास आगमन पर उन्हे सम्मानित कर उन के माध्यम से संगठन का आभार सरकार के प्रति प्रेषित किया। हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ जिला सिरमौर के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने  विभिन्न सोशल मीडिया पर पुरानी पेंशन बहाली का विरोध जताने वाली सभी खबरों का खंडन करते हुए कहा कि यदि वास्तविक आंकड़ों को देखा जाए तो पुरानी पेंशन बहाली से प्रदेश में किसी भी वर्ग पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ने वाला है कयोंकि कर्मचारियों की पेंशन हेतू सरकार द्वारा पहले ही निजी कंपनी को 950 करोड़ तथा कर्मचारियों के 630 करोड प्रतिवर्ष दिय जा रहे हैं जबकि पुरानी पेंशन पर वास्तविक व्यय मात्र 700 से 750 करोड प्रतिवर्ष होगा। इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था की बहाली केवल पूर्व स्थापित सरकारी नियमों  की पुनरावृति है तथा इसे अतिरिक्त बोझ कहना समझ से परे है पुरानी पेंशन जहां परोक्ष रूप से डेढ़ लाख कर्मचारियों के परिवार सीधे लाभान्वित होंगे वही लाखों ऐसे परिवार हैं  जिनके  युवा   भविष्य में सरकारी सेवा में आने के लिए अध्ययन कर रहे हैं ।बैठक में उपस्थित राज्य उपाध्यक्ष सुनील तोमर, राज्य प्रवक्ता ओम प्रकाश शर्मा, राज्य सलाहकार जोगी राम कनयाल,  जिला महिला अध्यक्षा प्रीतिका परमार,  जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश परमार, कोषाध्यक्ष हरदेव ठाकुर, महासचिव एम के कौशल, खंड अध्यक्ष बीआर सिंगटा,  प्रवीण शर्मा, जितेंद्र चौहान, चंद्रमणि वर्मा , संदीप कश्यप तथा कपिल संखवाण ने संयुक्त वक्तव्य में कहा की पुरानी पेंशन योजना समाज के सभी वर्गों के लिए बोझ नही बल्कि लाभदायक है, क्योंकि सरकारी सेवा में आने वाले कर्मचारी समाज के विभिन्न वर्गों व्यापारी, कृषक, उद्यमी आदि से संबंध रखते हैं तथा  कर्मचारियों का एक विशेष वर्ग बना लेना उचित नही। इसके अतिरिक्त संघ ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बनने वाले कुछ शरारती तत्व जानबूझ कर समाज के विभिन्न वर्गो मे सरकारी कर्मचारियो के प्रति दुर्भावना पैदा कर रहै है जो दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ अध्यक्ष ने कहा  कि कुछ सम्माननीय नेता लोग जो स्वयं सरकारी सेवा की पेंशन के अतिरिक्त 2-3 अन्य पैशन  ले रहे है तथा जिनके परिवारजन एवं रिश्तेदार पुरानी पैंशन वाली सरकारी सेवा मे है वह भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को सरकार पर अतिरिक्त बोझ बता रहे हैं जो   अत्यंत पीड़ादायक है। संघ नेताओ ने भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ो का जिक्र करते हुए कहा कि जब केवल 100 व्यापारिक घरानो के उद्यमो को गैरलाभदायक घोषित कर पिछले 5 वर्षो मे 10 लाख करोड का ऋण राईट ओफ करने पर देश के आर्थिक हालात पर वित्तीय बोझ  नही पड़ा तो दशको समाज व राष्ट्र की सेवा करने वाले 1 लाख 36 हजार परिवारो के बुढापे की सुरक्षा पर मात्र कुछ सौ करोड़ रुपए वार्षिक व्यय को सरकार पर बोझ कहना शायद ही उचित हो। संघ नेताओ ने कहा कि बैशक समाज के अन्य विभिन्न वर्गो की अपनी अपनी समस्या हो सकती है ओर सरकार से समाधान हेतु मांग करना भी सभी का अधिकार है परंतू केवल राजनीतिक उद्देश्य के लिए सरकारी कर्मचारियो को मिलने वाले न्यायोचित लाभ का विरोध करना चिंतनीय है।

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