ओपीएस बहाली तक रहेगी जंग जारी : सुनील जरयाल

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चंबा (एम एम डैनियल/ब्यूरो चीफ)
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिला चंबा मुख्यालय में दौरे को व प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने अपने क्रमिक अनशन आंदोलन स्थल को उपमंडल सलूणी में स्थानांतरित कर दिया है। वहीं महासंघ की ओर से एनपीएस कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष सुनील जरयाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह आंदोलन हर हाल हर सूरत में जारी रहेगा चाहे कर्मचारियों को किसी भी अग्निपरीक्षा से क्यों न गुजरना पड़ जाएं।
मीडिया से बातचीत करते हुए एनपीएस कर्मचारी महासंघ जिला अध्यक्ष सुनील जरयाल ने बताया कि गत रोज जिलाधीश चंबा डीसी राणा ने क्रमिक अनशन स्थल को खाली करके किसी दूसरी जगह जारी रखनेका प्रस्ताव रखा। जिसे महासंघ ने देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिहाज से स्वीकार करते हुए उपमंडल सलूणी में स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने बताया कि क्रमिक अनशन का आज 10 वां दिन है और खंड सलूणी के कर्मचारी साथियों की आज बारी थी इसीलिए आज क्रमिक अनशन सलूणी ब्लॉक में ही किया गया ।
उन्होंने कहा कि खण्ड में जो साथी अनशन में भाग लेने जा रहे हैं उनके में अंशुल जेई लोनिवि, रजनीश सर्वेक्षक जल शक्ति विभाग, सुनील कुमार जेई लोनिवि, सुनील शर्मा जेई लोनिवि, कुलदीप सिंह ड्राफ्समेन जल शक्ति विभाग, जयदेव भाषा अध्यापक व इनके साथ सहायक के रूप मे दुनी चंद अध्यक्ष सलूणी, पवन कुमार जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंबा, केवल कुमार शास्त्री बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने सरकार से पुरानी पेन्सिन को जल्द बहाल करने की मांग की है। क्योंकि कर्मचारियों की पेमेंट का 10 फीसदी शेयर और सरकार का 14 फीसदी शेयर सीधे एनएसडीएल (प्रोटीन) कम्पनी के पास जा रहा है। जिसका न तो कर्मचारियों और न ही सरकार को फायदा हो रहा है।
इस पैसे का आम जनता के लिए बनने बाली योजनाओं में भी सरकार उपयोग नहीं कर पा रही है। अतः कर्मचारियों ने आम जनता से भी इस आंदोलन को मजबूती देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि उपमंडल सलूणी में उनके सहित राज्य कमेटी सदस्य अमित कुमार, व उत्तम क्रमिक अनशन में भाग लेने वाले साथियों के सहयोग के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि वह स्थान बदलने से मांग नहीं बदलने वाली न ही कर्मचारियों के इरादे बदलेंगे। अभी भी सरकार के पास मौका है कि वह ओपीएस बहाली कर इस आंदोलन को विराम दें अन्यथा विधानसभा चुनाव में सरकार को इस खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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