राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ)
प्रदेश भर में कांग्रेसी नेताओं के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट दयालप्यारी को मिलने की संभावना की खबरों से उनके विरोधी खेमे के नेताओं में असंतोष बढ़ गया है। यद्यपि दूसरा खेमा अभी भी टिकट मिलने के प्रति आश्वस्त दिख रहा है। लेकिन यदि टिकट लेने में दयालप्यारी कामयाब हो जाती है तो कांग्रेस में बगावत के बहुत आसार बन गए है। यद्यपि दूसरे खेमें के कांग्रेसी नेता खुलकर नहीं बोल रहे है, मगर यह तय माना जा रहा है कि एक बड़ा खेमा कोई कड़ा निर्णय ले सकता है। पुख्ता सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जहां कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता निर्दलीय उम्मीदवार उतारने पर दाव खेल सकते है, वहीं भाजपा में शामिल होने के विकल्प पर भी विचार कर सकते है। सूत्रों का तो यह तक कहना है कि भाजपा व कांग्रेसी नेताओं में इस बारे आपसी सम्पर्क बना हुआ है। बताया जा रहा है कि पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेसी टिकट का फैसला सात अक्तूबर तक ही होगा। दयालप्यारी व गंगूराम मुसाफिर में से जिसे भी टिकट मिलेगा तो एक खेमा नाराज अवश्य हो जाएगा। दयालप्यारी को यदि पच्छाद से टिकट दिए जाने का फैसला होगा, तो पच्छाद कांग्रेस में एक बड़ा धमाका अवश्य हो जाएगा और बड़े कांग्रेसी नेता अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो सकते है। इसे देखते हुए ही कांग्रेस आला कमान ने पच्छाद कांग्रेस कमेटी को बर्खास्त कर दिया था, यद्यपि उसकी कोई लिखित सूचना नहीं है और न ही कोई कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। लेकिन दयालप्यारी खेमा उसी दिन से टिकट के प्रति आश्वस्त था। पच्छाद कांग्रेस में कितनी बड़ी बगावत होगी यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इस सारे प्रकरण में भाजपा की बांछे खिली हुई है।