राजगढ़ के शिरगुल मंदिर में श्री शिवमहापुराण आयोजित

0
216

राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ)

सृष्टी में किसी के दुर्भाग्य को भाग्य में यदि कोई बदल सकता है तो वह भगवान शिव है। ब्रह्मा जी व विष्णु जी की भी आयु है लेकिन भगवान शिव का पार कोई नही पा सका है। यह बात गंगोत्री धाम से आचार्य नंदीश्वर महाराज जी ने राजगढ़ में क्षेत्र के आराध्य शिरगुल मंदिर में नवरात्रों के पावन अवसर पर आयोजित 11 दिवीसीय श्री शिवमहापुराण व चंडी महायज्ञ के प्रथम दिवस पर व्यासपीठ से कही। नंदीश्वर जी ने कहा कि शिवमहापुराण  सुनने का सौभग्य किसी किसी को मिलता है। उन्होंने प्रथम दिवस पर कथा के  महातम्य से अवगत करवाया और बताया कि शिवमहापुराण में 24 हजार श्लोकों में भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है। उन्होंने चंचुला की कथा के माध्यम से बताया कि अच्छी संगत से कैसे किसी का चरित्र बदल जाता है। शिवमहापुराण सुनकर चंचुला ने अपना ही नहीं अपने पति का भी उद्दार करवाया। उन्होंने कहा कि हमें हर पल प्रभु का मनन करते रहना चाहिए। कथा के शुभारंभ से पूर्व पुराण स्वागत के साथ कलश यात्रा का आयोजन किया गया। क्लश यात्रा शिरगुल मंदिर से आरंभ होकर राजगढ शहर की परिक्रमा करते हुये शिरगुल मंदिर मे वापिस आकर संपन हुई। इस महायज्ञ में प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से पुराण का मूल व चंडी पाठ तथा दोपहर 12 से 4 बजे तक कथा प्रवचन संध्या आरती व प्रसाद वितरण के उपरांत भंडारा भी आयोजित किया जाएगा। 6 अक्टूबर को हवन व पूर्ण आहुति के साथ  महायज्ञ का समापन होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here