सनातन धर्म शंखनाद कार्यक्रम का किया गया आयोजन

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राजगढ़ (विकल्प सिंह ठाकुर/सब एडिटर चीफ)

संत सनातन धर्म सेवा संस्थान के सौजन्य से सनातन धर्म मंदिर परिसर राजगढ मे शंकराचार्य शक्ति सेना व रूद्र शक्ति वाहिनी हिमाचल ईकाई द्वारा सनातन धर्म शंखनाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंहत हनुमान दास जी महाराज द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं स्वति वाचन के साथ हुआ उसके बाद सामुहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्वेश्य सनातन धर्म का प्रचप्रसार व संरक्षण करना था। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये मंहत हनुमान दास जी महाराज ने कहा कि देश में तेजी से पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। नई पीढ़ी उस हवा में तेजी से बहती चली जा रही है। इस चकाचौंध को ही उन्होंने असली दुनिया मान लिया है और भारतीय संस्कृति के प्रति उनका लगाव कम होता जा रहा है, जबकि विदेशों में लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर भारतीय संस्कृति की ओर आ रहे हैं। वो वेद, पुराणा, रामायण, श्रीमद् भागवत गीता आदि का अध्ययन कर रहे हैं , गांवों में आकर रह रहे हैं, भारतीय परिधान पहन रहे हैं और परिवार के साथ पूजा पाठ करते हैं।
उनका कहना था कि उन्नति का रास्ता केवल भारतीय संस्कृहति में है। आज विश्व के लोगों को यह पता चल गया है कि भारतीय संस्कृति में ही उन्नति का रास्ता है। शांति और समृद्धि है। इसलिए वो भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। मगर, हमारी युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रही है। मंहत का कहना था कि हमें नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में बताना होगा। उन्हें यह समझाना होगा कि सबसे उत्तम संस्कृति हमारी है। संस्थान के माध्यम से युवा पीढ़ी को समझाने का काम किया जाएगा। गांव-गांव में अलख जगाया जाएगा। मंहत जी का कहना था कि देश को हिंदू विहीन होेने से रोकने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को अधिक संख्या में बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी जिहादियों के कारण न केवल हिंदू बल्कि सारी मानवता खतरे में आ चुकी है। भारत में एक वर्ग विशेष की जनसंख्या सुनियोजित तरीके से बढ़ाई जा रही है। यह देश के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाए रखने व बहन बेटियों की रक्षा के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि गौ माता की सुरक्षा एवं गौ सेवा ही संस्थान का मुख्य उद्वेश्य है। महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए संस्थान द्वारा अनेक प्रकल्प चलाए जा रहे गोबर व गौमूत्र से अनेक उत्पाद तैयार करके उन्हे बाजार में उतारा जा रहा है जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से स्मृद्व किया जा सके।
मंहत हनुमान दास ने कहा कि संस्थान की ओर से राजगढ में जल्द ही सीता भोजनालय खोला जाएगा जिसमें सभी को केवल 10 रूपये में निशुल्क भोजन कराया जाएगा । इसके अतिरिक्त राजगढ़ में एक परमार्थ औषधालय खोला जाएगा जहां रोगियों का उपचार निशुल्क होगा । इसके अतिरिक्त सोलन मे एक गुरूकुल की स्थापना भी की जाएगी । उन्होंने संस्थान की और से राजगढ के नेहरबाग गांव के कैैंसर पीड़ित बच्चे के उपचार हेतु दो लाख रूपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।

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