भरमौर (महिंद्र पटियाल/संवाददाता),
विकासखंड भरमौर की ग्राम पंचायत चौबिया और घरेड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत पंचायत स्तर पर बैठक का आयोजन ग्राम पंचायत उप प्रधान व पंचायत सचिव की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें उक्त ग्राम पंचायत में बने 15 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही। क्षेत्रीय समन्वयक संजय कुमार विकासखंड भरमौर ने बैठक में समूह से जुड़ी महिलाओं को आजीविका से संबंधित जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि समूह को पंच अथवा दशा सूत्र का पालन करना जरूरी है जिसके आधार पर समूह अपनी गतिविधियों में बढ़ता है तथा महिला ग्राम संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ लैंगिक असमानता के बारे में भी खंड स्तर पर चल रहे अभियान के बारे में बताया। असमानता का तात्पर्य लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव परंपरागत रूप से भी समाज में महिलाओं को कमज़ोर वर्ग के रूप में देखा जाता रहा है। आज भी स्त्रियों को भेदभाव से गुजरना पड़ता है। उसे पुरुषों से हीन समझा जाता है परन्तु ग्रामीण इलाकों में उसकी स्थिति अब भी गौण है। ग्रामीण जीवन में स्त्री वंश बढ़ाने और घर संभालने का साधन मात्र है जिसके कंधे बोझ तले दबे रहते हैं। सारी उम्र सेविका के समान घर का काम करती है कि स्त्री-पुरुष एक समान हों परन्तु यह बात मात्र दिखावा प्रतीत होती है। इसका प्रभाव बच्चों पर भी देखा जाता है। माता-पिता स्वयं के बच्चों में लड़का-लड़की का भेद करते हैं। यदि समाज में यही चलता रहा तो कैसे स्त्री को समाज में पुरुष के समान अधिकार प्राप्त होगें। वे सदैव दासी बनी रहेगी और जीवन में अपने अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी। हमें चाहिए कि कोशिश अपने घर से आरंभ करें तभी हम समाज में स्त्री को समान अधिकार दिला पाएँगे। बैठक में आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर और वार्ड मेंबर, उपप्रधान, सिलाई अध्यापिका भी उपस्थित रहे।