सिरमौर : गुरदासपुर में छलकी जिला सिरमौर की हाटी लोक संस्कृति

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राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ़),

आसरा संस्था जालग, पझौता, राजगढ़ के प्रभारी जोगेन्द्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि इन दिनों संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र तथा पंजाब फोक आर्ट सेंटर गुरदासपुर के तत्वावधान में आयोजित लोक उत्सव 2022 में आसरा संस्था के कलाकारों ने बहुरंगी कलाओं के उत्सव में भाग लेकर सांस्कृतिक क्षेत्र में सिरमोरी संस्कृति की छाप छोड़ी है। पांच दिवसीय लोक उत्सव 2022 का आयोजन 1 से 5 नवंबर तक गुरदासपुर में विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है।  इस आयोजन में आसरा संस्था के लोक कलाकार जिला सिरमौर के पारंपरिक एवं जनजातीय लोक नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे हैं। पंजाब के गुरदासपुर में अलग-अलग राज्यों से आमंत्रित सांस्कृतिक दलों में हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर रहे आसरा के लोक कलाकारों का ठोडा नृत्य, दीपक नृत्य, परात नृत्य तथा रिहाल्टी गी के अलावा, राजस्थान का भपंग वादन व कालबेलिया नृत्य, कश्मीर का रूफ नृत्य, उत्तर प्रदेश का मयूर नृत्य, गुजरात का सिद्धि धमाल व गरबा नृत्य, हरियाणा का फाग तथा पंजाब का झूमर, साम्मी व भांगड़ा आदि लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जा रही है।

गुरदासपुर में हो रहे लोक उत्सव में अनेकों सांस्कृतिक दलों के होने वाले प्रदर्शन में आसरा संस्था के कलाकार जिला सिरमौर के पारंपरिक लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर अलग पहचान बनाए हुए हैं। आसरा द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान संस्था के गुरु निदेशक पदम श्री विद्यानंद सरैक व जोगेंद्र हाब्बी के निर्देशन में कला संस्कृति विकास योजना के अंतर्गत तैयार की गई लोक नृत्य की आकर्षक व लोक लुभावनी विधाओं का लोक कलाकार लोकरंग उत्सव में झूम झूम कर बहुरंगी प्रदर्शन कर रहे हैं। 1 से 5 नवंबर तक आसरा के कलाकार जिला सिरमौर की हाटी समुदाय की अनेकों लोक पारंपरिक प्रस्तुतियों का प्रदर्शन करके गुरदासपुर के दर्शकों में हाटी जनजातीय  संस्कृति की पहचान बनाने में जुटे हैं। सांस्कृतिक प्रदर्शनों की कड़ी में 1 नवंबर को राजकीय महाविद्यालय गुरदासपुर, 2 नवंबर को शांति देवी आर्य महिला कॉलेज दीनानगर और 3 नवंबर को सरदार बेअंत सिंह राज्य विश्वविद्यालय गुरदासपुर में आसरा के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रदर्शन किया।

जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में आसरा के लोक कलाकारों ने हाटी जनजातीय समुदाय का पारंपरिक ठोडा नृत्य, भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र की तरह घूमते परात नृत्य तथा देवपूजा से संबंध रखने वाले दीपक नृत्य तथा बरसात का रिहाल्टी गी नृत्य के साथ बूढ़ी दिवाली का हारूल नृत्य प्रदर्शन जनमानस के लिए आकर्षण का केंद्र बना। इसके अलावा अन्य राज्यों के कलाकारों की प्रस्तुतियों को भी दर्शकों ने खूब सराहा। लोक उत्सव में सिरमौरी लोक नृत्यों की प्रस्तुतियों के दौरान लोक गायक रामलाल, बिमला चौहान तथा सुनील की मधुर स्वर लहरियों ने जनमानस की खूब वाहवाही लूटी। गोपाल चमन अमीचंद जोगेंद्र के परात नृत्य व सरोज पायल, प्रीति, अनुजा व ममता के नृत्य अदाओं ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। गुरदासपुर के दर्शकों के लिए संदीप की ढोलक  की थाप तथा रवि दत्त अनिल की करनाल व रणसिंगे की ध्वनि की ऊंची गूंज भी बेहद आकर्षक रही है जिसके परिणाम स्वरुप आसरा संस्था के लोक कलाकारों ने इस लोक उत्सव में पारंपरिक नृत्य विधाओं से दर्शकों की तालियां बटोर कर सिरमौरी हाटी समुदाय की जनजातीय संस्कृति का मान बढ़ाया है।

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